डकैती मामले में आरोप सिद्ध नहीं कर पाई पुलिस, एएसजे कोर्ट ने बरी किए पांच आरोपी

डकैती मामले में आरोप सिद्ध नहीं कर पाई पुलिस, एएसजे कोर्ट ने बरी किए पांच आरोपी
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वर्ष 2017 में बावल थाने में दर्ज डकैती, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के एक मामले में पुलिस एएसजे कोर्ट में आरोप साबित करने में फेल रही।

रेवाड़ी। वर्ष 2017 में बावल थाने में दर्ज डकैती, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के एक मामले में पुलिस एएसजे कोर्ट में आरोप साबित करने में फेल रही। एएसजे डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने इस केस में सबूतों के अभाव में सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया।

पुलिस ने खेड़ा मुरार निवासी विजयपाल उर्फ गुल्लू, विनोद उर्फ मूसा, विरेंद्र उर्फ बल्ला, अनिल और गुरूग्राम के खांडसा निवासी रिकी राघव के खिलाफ भादसं की धारा 307, 386, 398, 212 व शस्त्र अधिनियम की धारा 25-54-59 के तहत केस दर्ज किया था। आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। अदालत में करीब 5 साल तक चले इस मामले में पुलिस और आरोपी दोनों पक्षों की ओर से गवाहियां हुई थीं। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें और बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

जल्द केस निपटाने पर जोर

एएसजे डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से पेंडिंग केसों को जल्द निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभी इस कोर्ट में कई केसों का निपटारा कम समय में किया जा चुका है। इसी कोर्ट से गत वर्ष एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी।

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