पुलिस को मिली बड़ी सफलता : सेना भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाला शातिर पटना से पकड़ा

हरिभूमि न्यूज. चरखी दादरी। बेरोजगार युवाओं को सेना में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने के मुख्य सरगना को पुलिस (Police) ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को आठ दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। राजस्थान के झुंझनू निवासी अमन ने दादरी पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह मानकवास गांव में क्रेशर पर नौकरी करता है। उसकी समसपुर निवासी नीरज के साथ अच्छी जान पहचान थी।
अमन ने बताया कि एक दिन नीरज ने उसको बताया कि वह कुछ लोगों को जानता है जो रूपए सेना में भर्ती करवाते हैं। जो कुछ पहले व बाकी पैसे नौकरी लगने के बाद लेते हैं। उसको बताया गया की 6 लाख रुपये में आर्मी में जरनल ड्यूटी और क्लर्क भर्ती करवा सकता हूं। 8 लाख रुपये स्टोर कीपर भर्ती के लगेंगे। जिसमें से 2 लाख रुपये पहले और 1.5 लाख रुपये मैरिट लगने पर व बाकी 2.5 लाख रुपये ज्वाईिनंग के बाद देने होंगे। पीड़ित ने बताया की वह बेरोजगार होने के कारण नीरज की बातों को सच मानते हुए जुलाई 2021 को नीरज के पास 2 लाख रुपये उसके खाते में भेज दिए। उसके बाद हम दोनों दानापुर बिहार में गए। जहां पर दानापुर केंट के अंदर ही किसी प्राइवेट रूम पर 2 व्यक्तियों ने फार्म भरे व मैडिकल किया। इतना ही नहीं कुछ दिनों बाद एक कॉल लेटर उसके घर भेजा गया। जब उसने अपने परिचितों को भर्ती का लेटर दिखाया तो वह फर्जी होने के बाद सामने आई।
पीड़ित ने बताया कि वह उनके झांसे में आ गया। उन्होंने भर्ती को असली दिखने के लिए कई तरह की हथकंडे अपनाए। कुछ दिनों बाद फोन पर एक मेरिट लिस्ट भेजी और 1.5 लाख रुपये मांगे। मैंने नीरज को उसके गांव समसपुर में दे 1.5 लाख रुपये दिए। जिसके 10-15 दिन बाद डाक द्वारा कॉल लेटर मिला। जिसमें मेरे नाम से दानापुर आर्मी कैंट पटना बिहार से जीडी पद पर ट्रेनिंग लैटर प्राप्त हुआ। जिस पर कमांडेंट दानापुर की मोहर लगी हुई थी। अमन ने बताया कि लेटर के बारे में कई जानकारों से पूछा तो ट्रेनिंग वह फर्जी पाया गया। पीड़ित ने बताया कि वह ठगी का अकेला शिकार नहीं हुआ है बल्कि उसने आधा दर्जन बच्चों के रुपये भी आरोपितों को दिए थे।
साइबर अपराध थाना व लखनऊ की मिल्ट्री इंटेलिजेंस टीम ने अभियोग में प्रभावी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को पटना से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी की पहचान बिहार निवासी सुनील कुमार के रुप में हुई है। जिसको न्यायालय में पेश कर 8 दिन के रिमांड पर लिया गया है।
युवकों का फर्जी मेडिकल व साइन करवाते थे
आरोपी सुनील ने बताया कि दानापुर कैंट में लोकल आदमी भी रहते हैं। गिरोह के लोग उतर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, राजस्थान, हरियाणा से बच्चों को बुलाकर प्राइवेट रुम में उनका फर्जी मेडिकल, ओएमआर आदि पर साइन करवा लेते थे। फिर नकली दस्तावेज तैयार करके डाक के माध्यम से उनके घर फर्जी ज्वानिंग लेटर भेज देते हैं। इस गिरोह में कई व्यक्ति वर्ष 2020 से काम करते थे। जो पंजाब, हिमाचल, दिल्ली आदि ठिकानों पर रहते हैं। उतर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, राजस्थान, हरियाणा के सैकड़ों बच्चों से पैसे लेकर फर्जी कागजात तैयार करके धोखाधड़ी की है।
आरोपी से होगी कड़ी पूछताछ
जिला मुख्यालय यूपी पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि आरोपी को काबू किया गया है। जो गिरोह का मुख्य सदस्य है। यह बच्चों को सेना में नौकरी लगवाने का झांसा देते थे तथा फर्जी कॉल लेटर घर भेज देते थे। गिरोह में कई सदस्य हैं , जो अलग-अलग प्रदेशों में बच्चों को निशाना बनाते ठीक हैं।
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