police raid : ढाबा, होटल-रेस्टोरेंट में रजिस्टर व कमरों को जांचा, चारों तरफ मची अफरा-तफरी

हरिभूमि न्यूज महेंद्रगढ़। शहर थाना पुलिस टीम ने शहर के ढाबा, होटल व रेस्टोरेंट में छापामारी की। पुलिस टीम होटलों के कमरों के अंदर तक पहुंची। काउंटर पर कमरे किराए पर देते समय लगाए रजिस्टर की जांच की गई। साथ ही होटल व ढाबा संचालकों को चेतावनी दी कि अगर गलत काम किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार ने होटल कर्मचारियों को कमरा किराए पर देते समय रजिस्टर में व्यक्ति का पूरी जानकारी लिखने और उनका पहचान पत्र भी लेने के निर्देश दिए। इसके साथ टीम ने होटलों में सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की। एसपी विक्रांत भूषण के दिशा-निर्देशानुसार थाना शहर प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शहर के होटलों, ढाबों व रेस्टोरेंट की जांच की। इससे होटलों में अफरा-तफरी मच गई। होटलों में जिन व्यक्तियों ने कमरा किराये पर लिया हुआ था, पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की। होटल संचालक व कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिस भी व्यक्ति को कमरा किराये पर दें, उसका नाम, मोबाइल नंबर, पता रजिस्टर में लिखें। होटल में सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे चालू रखे। यदि कैमरे खराब हैं तो उन्हें चालू करवाएं। लोगों के सहयोग से ही पुलिस असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगा सकती है। बता दें कि इन दिनों शहर के होटलों में देह व्यापार खुलेआम चल रहा है। इस धंधे से जुड़े लोग कुछ होटलों के कमरे को बुक कराकर आसानी से इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा शहर व आसपास के क्षेत्र में एक विशेष नाम से लगभग 40 से 45 होटल खुले है, जिनमें सुबह-शाम देह व्यापार का धंधा खुलेआम चल रहा है।
होटलों में खेला जाता है जुआ
सूत्रों की माने तो शहर में कुछ ऐसे होटल हैं जहां दिन-रात जुआ खेला जाता है। होटल से जुड़े लोग ही जुआ खेलने वालों को संरक्षण देते हैं। ऐसे लोगों की पुलिस के पास भी मजबूत पैठ है। जिस कारण इन होटलों में छापेमारी तो दूर पुलिस झांकने तक नहीं जाती। कभी कभार पुलिस इन होटलों पर कार्रवाई करती है। इसके अलावा शहर व आसपास क्षेत्र के गिने-चुने होटलों में लड़की को मंगाकर ग्राहक को दी जाती है। जिसमें होटल संचालक को काफी मुनाफा भी होता है। जहां डंके की चोट पर अनैतिक कार्य हो रहे हैं। पुलिस होटल संचालक के रसूख के कारण खुद को कमजोर पाती है।
कैफे पर भी चलता है धंधा
सूत्रों की माने तो शहर में चलने वाले कुछ कैफे संचालक युवाओं को केबिन की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। यह केबिन सुविधाओं से युक्त होता है। कैफे संचालकों की ओर से युवाओं से इसके लिए प्रति घंटे के हिसाब से मोटी रकम ली जाती है। इससे ज्यादा सहुलियत देने के लिए प्रति घंटे के अतिरिक्त रुपए भी लिए जाते हैं। इन कैफे में अधिकांश स्कूल व कॉलेज स्तर के स्टूडेंट नजर आने लगे हैं। दिनभर यहां पर लड़के-लड़कियों की भीड़ लगी रहती है। शहर में संचालित कुछ कैफे अनैतिक कार्यों के ठिकाने बनते जा रहे हैं, जो युवक-युवतियों से सुविधा शुल्क के नाम पर अनैतिक कार्य करवाने के लिए मोटी रकम भी वसूलते हैं। जानकारों की माने तो कैफे संचालकों को फूड सेफ्टी के तहत लाइसेंस दिया जाता है, जिसमें वे केवल खाने-पीने की चीजें ही रख सकते हैं। संचालक केबिन बनाकर सुविधाएं नहीं दे सकते।
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