आखिर गृह मंत्री के आदेश से टूटी पुलिस की नींद, दो साल बाद लाखों की ठगी का केस दर्ज किया

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
सेना में नौकरी के नाम दो लोगों से 9.10 लाख रुपए की ठगी के आरोप में पहली शिकायत 22 जुलाई 2020 को डीएसपी हैडक्वार्टर को दर्ज कराई गई। इस शिकायत पर पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस आला अधिकारियों से लेकर सीएम विंडो तक पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एक्शन लेने की बजाय सीएम विंडो की शिकायत को पीड़ित के फर्जी साइन करने के दफ्Þतर दाखिल कर दिया। इसके बाद जब पीड़ित ने गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखा, तो उनके आदेश पर पुलिस को आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करना पड़ा।
गृह मंत्री को प्रेषित पत्र में दीपक ने बताया कि भांडोर निवासी राहुल की बहन उनके गांव में ब्याही है। करीब 2 वर्ष पूर्व राहुल उसे पाली पावर हाउस के पास चाय की दुकान पर मिला था। उसने बताया कि वह कई लड़कों को फौज में भर्ती करा चुका है। उसके भाई को भी वह फौज में लगा सकता है। उसकी बातों पर यकीन करने के लिए दीपक ने उसके पिता व भाई से संपर्क किया, तो दोनों ने राहुल की बात को सही ठहराते हुए पैसे की गांरटी ले ली। दीपक के अनुसार राहुल ने उसे प्रति कंडीडेट 4.5 लाख रुपए में भर्ती कराने की बात कही थी। इसके बाद उसने अपने भाई और चचेरे भाई को नौकरी लगवाने की बात कही। शिकायत के अनुसार राहुल को 16 से 19 जनवरी 2020 के बीच 9.10 लाख रुपए की राशि की भुगतान कर दिया। इसके बाद राहुल ने उससे कुछ कागजों पर भी साइन करा लिए।
दीपक ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि करीब 6 माह बाद जब राहुल से उसके भाई और चचेरे भाई की नौकरी के संबंध में बात की, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उसने गांव के मौजूज लोगों के साथ राहुल के गांव में पंचायत की। इसके बाद राहुल के पिता और भाई ने पैसे लौटाने से साफ मना कर दिया। 22 जुलाई 2020 को उसने डीएसपी को शिकायत देकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन डीएसपी आफिस की ओर से उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। 15 जनवरी 2021 को एसएचओ खोल को शिकायत दर्ज कराई। दीपक का आरोप है कि राहुल से साजबाज होकर थाना खोल पुलिस की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने गत 24 अप्रैल को एक बार फिर डीएसपी को शिकायत दर्ज कराई, परंतु आईओ ने जांच के नाम पर शिकायत को गलत करार देते हुए खारिज कर दिया।
सीएम विंडो की शिकायत को कर दिया दफ्तर दाखिल
दीपक ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में बताया कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उसने सीएम विंडो पर शिकायत लगाई थी। इस शिकायत को जांच के लिए पुलिस के पास भेजा, तो उसके फर्जी साइन करने के बाद शिकायत को खारिज कर दिया गया। गृह मंत्री ने शिकायत को कार्रवाई के लिए पुलिस के पास भेजा, तो डीएसपी अमित भाटिया ने उसकी शिकायत को सही ठहराते हुए पुलिस को आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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