जानें हरियाणा के नए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का राजनीतिक बैकग्राउंड

जानें हरियाणा के नए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का राजनीतिक बैकग्राउंड
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हरियाणा के 18वें राज्यपाल के रूप में 74 वर्षीय बंडारू दत्तात्रेय को नियुक्त किया गया है, जिन्हें हिमाचल के राज्यपाल पद से स्थानांतरित करके हरियाणा में भेजा गया है।

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

हरियाणा के 18वें राज्यपाल के रूप में 74 वर्षीय बंडारू दत्तात्रेय को नियुक्त किया गया है, जिन्हें हिमाचल के राज्यपाल पद से स्थानांतरित करके हरियाणा इसी पद पर भेजा गया है। दत्तात्रे हरियाणा में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का स्थान लेंगे। दत्तात्रे भाजपा के वरिष्ठ राजनेता और आरएसएस के प्रचारक भी रह चुके हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी आदेश के अनुसार बंडारू दत्तात्रेय को हिमाचल प्रदेश से स्थानांतरित करके हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। चार बार लोस सदस्य निर्वाचित होकर संसद में पहुंचने वाले बंडारू को दो साल पहले सितंबर 2019 में हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया था।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी रहे केंद्रीय मंत्री

हैदाराबाद की सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र में वे 'पीपुल्स लीडर' से पहचाने जाते हैं। भाजपा की राजनीति में वे केंद्र की मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी हैदराबाद में 12 जून 1947 को जन्मे बंडारू दत्तात्रेय ने उस्मायनिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से बीएससी की डिग्री हासिल की हुई है। वे पहली बार 1991 में दसवीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 1998 में वह हैदराबाद की सिकंदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर दूसरी बार लोकसभा पहुंचे और अटल बिहारी वाजपयेयी सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। वर्ष 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में फिर उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता, जिन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय रेल राज्यमंत्री बनाया गया। चौथी बार दत्तात्रेय साल 2014 में अपनी सिकंदराबाद सीट से ही चुनाव जीतकर मोदी केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बने। मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री श्रम एवं रोजगार (स्वतंत्र प्रभार) का कार्यभार सौंपा गया, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्हें हिमाचल का राज्यपाल बनाकर भेजा गया।

ऐसे शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर

बंडारू दत्तात्रेय वर्ष 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1968 से 1989 तक आरएसएस प्रचारक के रूप में काम किया। वह लोक संघ समिति (जयप्रकाश नारायण आंदोलन) के संयुक्त सचिव थे। आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भेजा गया था। वह 1980 में भाजपा में शामिल हो गए। और आंध्र प्रदेश यूनिट के सचिव के तौर पर काम किया और दो बार आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली। एक सितंबर 2017 को वह वित्त संबन्धी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य बने। 2014 वह भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय घोषणा पत्र समिति के सदस्य बनाए गये। मई 2014 में उन्हें सिकंदराबाद से 16वीं लोकसभा चुनाव में वे फिर से निर्वाचित हुए।

जब परिवार में टूटा मुसीबत का पहाड़

भाजपा राजनेता बंडारू दत्तात्रेय का वर्ष 1989 में वसंता से विवाह हुआ। उनके दो बच्चे बेटा वैष्णव बंडारू और बेटी विजया लक्ष्मी है। उनके परिवार पर उस समय मुसीबतों का का पहाड़ टूटा, जब 23 मई 2018 को हार्ट अटैक के कारण उनके बेटे का महज 21 साल की उम्र में निधन हो गया।

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