Politics in Haryana : वाह री सियासत की मजबूरी, महज आठ घंटे में 18 कप चाय

Politics in Haryana : वाह री सियासत की मजबूरी, महज आठ घंटे में 18 कप चाय
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डिप्टी सीएम ने 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज सोमवार को फतेहाबाद से कर दिया है। जननायक जनता पार्टी की नजरें अब फतेहाबाद के 40 हजार पंजाबी मतदाताओं पर है। यही कारण है कि इन 40 हजार पंजाबी मतदाताओं को रिझाने के लिए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को अनेक जगह जलपान किया।

सुरेन्द्र असीजा/फतेहाबाद। ये सियासत भी न जाने क्या-क्या जतन करवाती है। इंसान को न चाहाते हुए भी समर्थकों को खुश रखने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। वोट और समर्थन पाने के लिए समय तो क्या सेहत को भी ताक पर रखना पड़ता है। ऐसा ही नजारा सोमवार को फतेहाबाद में देखने को मिला। विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तैयारियों का आगाज करने फतेहाबाद पहुंचे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को महज आठ घंटे में 18 कप चाय पीनी पड़ी।

डिप्टी सीएम ने 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज सोमवार को फतेहाबाद से कर दिया है। जननायक जनता पार्टी की नजरें अब फतेहाबाद के 40 हजार पंजाबी मतदाताओं पर है। यही कारण है कि इन 40 हजार पंजाबी मतदाताओं को रिझाने के लिए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को अनेक जगह जलपान किया। यह कार्यक्रम इतना तूफानी था कि 8 घंटे में दुष्यंत चौटाला लगातार 18 स्थानों पर चाय पीने गए। इनमें से 15 स्थान पंजाबी समुदाय के लोगों के थे। इतना ही नहीं, दुष्यंत ने पंजाबी समुदाय के वोटों की धूरी पंचनद सदन में दोपहर का भोजन भी लिया और पंजाबी समाज के लिए 'बड़ी' घोषणाएं भी की।

फतेहाबाद विधानसभा में करीब अढ़ाई लाख वोटर है। इनमें से 60 हजार से ज्यादा पंजाबी समुदाय के वोट है। फतेहाबाद शहर की बात करें तो यहां 40 हजार के करीब पंजाबी मतदाता है। अब तक यहां से करीब 8 बार पंजाबी समुदाय के लोग एमएलए बनते आए हैं। आज से पूर्व जजपा की यहां कोई खास राजनीतिक जमीन नहीं थी। 2019 के चुनाव में जजपा की टिकट पर डॉ. विरेन्द्र सिवाच 74 हजार वोट लेकर एक कद्दावर नेता के रूप में उभरे। उस समय डॉ. सिवाच भाजपा के प्रत्याशी दुड़ाराम से मात्र 3 हजार वोटों से ही पराजित हुए।

जजपा के सूत्रों के अनुसार जजपा 2024 के चुनावों में किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। डॉ. विरेन्द्र सिवाच की स्वच्छ छवि, इमानदारी को देखते हुए वह डॉ. सिवाच को ही आगामी चुनाव में मैदान में उतारेगी। यही कारण है कि अब दुष्यंत चौटाला शहरी मतदाताओं को रिझाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इससे पूर्व भी दुष्यंत चौटाला पंचनद सदन में मुख्यअतिथि के हैसियत से पहुंचकर वहां करीब 50 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा कर गए थे। सोमवार को फतेहाबाद में 18 कार्यक्रमों में शहरवासियों ने काफी संख्या में भाग लिया। दुष्यंत चौटाला ने पंचनद सदन में दोपहर के भोजन के दौरान लोगों की शिकायतें भी सुनी तथा यहां घोषणा की कि पंचनद सदन को हाइवे से जोड़ने के लिए 25 फुट का रास्ता दिया जाएगा। पंचनंद ट्रस्ट पदाधिकारियों द्वारा टाउन पार्क का नामकरण शहीद मदन लाल धींगड़ा के नाम पर करने की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि टाउन पार्क का नाम शहीद मदन लाल धींगड़ा के नाम पर किया जाने और शहीद मदन लाल धींगड़ा की प्रतिमा लगवाने की मांग शीघ्र सरकार द्वारा पूरी करवाई जाएगी।

विधानसभा चुनाव 2019 के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर फतेहाबाद विधानसभा में नहीं आए। इतना ही नहीं, यहां पार्टी की गतिविधियां भी नगण्य है। कार्यकर्ता खामोश है। क्यास लगाए जा रहे हैं कि जजपा भाजपा नेताओं की इसी निष्क्रियता का फायदा उठाकर यहां सक्रिय होने की फिराक में है। जजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि जाट वोट चौधरी देवीलाल व दुष्यंत चौटाला के नाम से पार्टी को मिलेंगे और पंजाबी वोटों पर पकड़ मजबूत हो जाए तो यहां से सीट निकालना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं है।

डिप्टी सीएम के कार्यक्रमों से बबली ने बनाई दूरी

फतेहाबाद जिले में जजपा के एकमात्र विधायक देवेन्द्र बबली है जोकि प्रदेश सरकार में जजपा के कोटे से मंत्री भी बने हुए हैं। पिछले कुछ समय से देवेन्द्र बबली और पार्टी हाईकमान के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सोमवार को आयोजित कार्यक्रमों से भी दूरी बनाकर देवेन्द्र बबली ने इस बात पर मोहर लगा दी है कि उनके सम्बंध पार्टी नेतृत्व से ज्यादा ठीक नहीं है। हालांकि इस बारे जब दुष्यंत चौटाला से पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल-सा जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है कि बबली अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्त हो। डॉ. विरेन्द्र सिवाच के कार्यक्रमों में न पहंुचने पर दुष्यंत ने उनके पारिवारिक सदस्य के अस्वस्थ होने की बात कही। डॉ. सिवाच ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी साली इस समय गंभीर बीमार है, उसी सिलसिले में वे फतेहाबाद से बाहर गए हुए हैं।

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