प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कैथल के सरकारी अस्पताल को थमाया नोटिस, 15 दिन में मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कैथल के सरकारी अस्पताल को थमाया नोटिस, 15 दिन में मांगा जवाब, जानें पूरा मामला
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नोटिस का जवाब संतोषजनक न मिलने पर अस्पताल प्रबंधन को जुर्माना लगाया जाएगा और पर्यावरण कोर्ट में केस किया जाएगा

हरिभूमि न्यूज : कैथल

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से 19 अप्रैल को नागरिक अस्पताल के पास से जा रही ग्योंग ड्रेन से पानी के सैंपल लिए थे। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से सीवरेज के पानी को बिना ट्रीट किए ही ड्रेन में डाला जा रहा था। प्रदूषण बोर्ड ने पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया था। अब जांच रिपोर्ट में पानी का सैंपल फेल मिला है। प्रदूषण बोर्ड की तरफ से अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भेज कर 15 दिन में जवाब मांगा है।नोटिस का जवाब संतोषजनक न मिलने पर अस्पताल प्रबंधन को जुर्माना लगाया जाएगा और पर्यावरण कोर्ट में केस किया जाएगा। बता दें कि ड्रेन में गंदा पानी छोड़े जाने पर जन स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद को भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

यह आई है रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार नागरिक अस्पताल से निकलने वाला सीवरेज का पानी बहुत ज्यादा दूषित है। पानी में बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड की मात्रा 30 मिली ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए जबकि रिपोर्ट में 102 मिली ग्राम प्रति लीटर आई है। केमिकल आक्सीजन डिमांड की मात्रा 250 मिली ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए जबकि रिपोर्ट में 364 मिली ग्राम प्रति लीटर आई है। सस्पेंडेड सोलिड की मात्रा 100 मिली ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए जबकि रिपोर्ट में 134 मिली ग्राम प्रति लीटर आई है। सल्फाइड की मात्रा दो मिली ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए जबकि 3.6 मिली ग्राम प्रति लीटर आई है।

घग्गर नदी में मिलता है पानी ग्योंग ड्रेन का पानी अंत में जाकर घग्गर नदी में मिलता है। ग्योंग ड्रेन का पानी कैथल ड्रेन से होते हुए खनौरी और उसके बाद घग्गर में जाता है। ऐसे में नदी का जल दूषित हो रहा है। प्रदूषण बोर्ड की तरफ से जल प्रदूषण को रोकने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। कई बार कैथल से गुजरने वाली ड्रेनों के सैंपल लिए जाते हैं। ड्रेन में जिस विभाग के सीधे पानी के कनेक्शन होते हैं उन्हें नोटिस दिया जाता है। सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि सीवरेज का कनेक्शन लेने के लिए विभाग की तरफ से जन स्वास्थ्य विभाग के पास आवेदन किया हुआ है। कई बार रिमांइडर भी भेजा जा चुका है, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला है।

पानी का सैंपल आया फेल

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि 19 अप्रैल को अस्पताल से निकलने वाले सीवरेज के पानी का सैंपल लिया गया था, जो जांच में फेल आया है। स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन को इस बारे में जवाब देने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया गया है।

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