बहादुरगढ़ में कम नहीं हो रहा प्रदूषण : दमघोंटू हवा के कारण लोगों की तकलीफ बढ़ी

बहादुरगढ़ में कम नहीं हो रहा प्रदूषण : दमघोंटू हवा के कारण लोगों की तकलीफ बढ़ी
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नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह के अनुसार पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अवहेलना करने वालों के चालान काटे जा रहे हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

देश की राजधानी से सटे बहादुरगढ़ में प्रदूषण (Pollution) कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। शुक्रवार रात को बहादुरगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 500 दर्ज किया गया। वहीं शनिवार सुबह से 400 से अधिक बना हुआ है। बेशक वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेप के स्टेज चार के तहत सख्त नियम किए जा चुके हैं, लेकिन हालात नहीं सुधर रहे हैं। अगर वायु प्रदूषण में सुधार नहीं होता है, तो स्कूल भी बंद हो सकते हैं। हालांकि नगर परिषद द्वारा शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव भी करवाया जा रहा है।

दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सांसों पर संकट गहराने लगा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक साढ़े 400 से अधिक बना हुआ है। दमघोंटू हवा के कारण लोगों ने सांस लेने में तकलीफ के साथ गले और आंखों में जलन महसूस की। उधर, हवा खराब होने के साथ ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत जरूरी सामान के अलावा ज्यादा प्रदूषण वाली इंडस्ट्री बंद रहेंगी। बीएस-6 वाहनों, जरूरी और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर में डीजल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा स्कूल बंद करने, गैर-आपातकालीन गतिविधियों, वाहनों के लिए ऑड-ईवन स्कीम पर निर्णय सरकारों पर छोड़ दिया है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह के अनुसार पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अवहेलना करने वालों के चालान काटे जा रहे हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ प्रदूषण के कारण अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़़ने लगी है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में 20 से 25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। इन मरीजों में अस्थमा का अटैक, सांस संबंधी मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। मरीजों में सर्दी, जुखाम, खांसी, गले में जकड़न, आंखों में जलन के मरीजों की संख्या बढ़़ गई है।

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