हरियाणा में पहला मामला : प्रदूषण के कारण लोग करने लगे पलायन, नगर निगम और इको ग्रीन पर केस दर्ज

गुरुग्राम। दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण का कहर इस कदर बढ़ गया है कि लोग बीमार होने लगे हैं। गुरुग्राम के एक गांव में हालात इस कदर बद से बदत्तर होने लगे हैं कि ग्रामीणों ने गांव से पलायन शुरू कर दिया है। इलाके में प्रदूषण फैलने से त्रस्त ग्रामीणों द्वारा जाम लगाए जाने के बाद पुलिस ने नगर निगम व ईकोग्रीन पर केस दर्ज किया है। प्रदेश में यह पहला मामला है जिसमें प्रदूषण फैलाने पर केस दर्ज किया गया है। ग्रामीणों की शिकायत पर सेक्टर-37 थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 270 व 278 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
दरअसल, गांव खांडसा में नगर निगम ने अवैध रूप से कूड़े का डंपिंग स्टेशन बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां केवल गांव खांडसा से ही कूड़ा लाया जाता था, लेकिन अब यहां दिल्ली बॉर्डर से लेकर आसपास क्षेत्रों का कूड़ा लाया जाने लगा है। पिछले कुछ समय से यहां हालात बद से बदतर कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर कूड़ा डाला जा रहा है वह एचएसआईआईडीसी की है। कूछ लोग इस कूड़े में आग लगा देते हैं। जिसके कारण पूरा क्षेत्र धुएं में गुम हो जाता है। इसकी शिकायत नगर निगम, पुलिस समेत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। मंगलवार रात को भी किसी ने इस कूड़े में आग लगा दी जिसके कारण पूरा क्षेत्र धुएं में तब्दील हो गया। इससे गुस्साए लोगों ने बीकानेर चौक पर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद लोग जाम खोलने को राजी हुए।
आग बुझाने की मशक्कत में जुटे दमकल कर्मी
कूड़े में आग लगाए जाने की सूचना मिलने के बाद दमकल विभाग की गाड़ियों को मौके पर भेजा। मंगलवार रात से लगातार दमकल की गाडिय़ां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं। लोगों का कहना है कि पॉलीथीन होने के कारण पानी कूड़े में नीचे तक नहीं जा पा रहा, जिसके कारण हर थोड़ी देर में आग भडक़ जाती है और पूरा क्षेत्र धुएं से घिर जाता है।
पलायन करने लगे ग्रामीण
कूड़े में आग लगाने के बाद उठ रहे धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। खांसते हुए कुछ बुजुर्गों को खून की उल्टी तक हो गई है। जिन्हें दवा दिलाने के बाद रिश्तेदारों के घर भेजा गया है ताकि वह ठीक रह सकें। इसके साथ ही कई ग्रामीण गांव से पलायन करने लगे हैं। बीमार लोगों की हालत को सुधारने के लिए उन्हें दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले रिश्तेदारों के घर भेज दिया है या किसी दूसरे स्थान पर मकान किराए पर लेकर लोग वहां शिफ्ट हो गए हैं। हालात यह है कि आए दिन धुएं के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। आसपास की फैक्ट्रियों से लोगों को बीमार हालत में अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है तो कभी स्कूल की छुट्टी कराकर छात्रों को धुएं से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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