तीन माह पहले ज्वाइन की थी JJP : पूंडरी नगरपालिका चेयरपर्सन ने दो साल पहले ही इन कारणों से दिया इस्तीफा, विधायक भी थे नाराज

अश्वनी खुराना : पूंडरी ( कैथल )
पूंडरी शहर की सरकार 13 पार्षदों वाली नगरपालिका की चेयरपर्सन संतोष खुराना ने घेरलू व स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि लगभग दो वर्ष कार्यकाल शेष रहने से पहले ही इस प्रकार इस्तीफा दे देना भी शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके पीछे उनके प्रति बढ़ती पार्षदों की नाराजगी भी मानी जा रही है। चेयरपर्सन ने 25 नवंबर 2021 को चंडीगढ़ में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मौजूदगी में जजपा ज्वाइंन की थी, तभी से उनका हटाया जाना तय माना जा रहा था।
स्थानीय विधायक रणधीर गोलन से बढ़ी दूरियां और जजपा में चले जाने के बाद से ही पालिका के कार्यों को लेकर राजनीति शुरू हो गई थी, जिसके लिए जजपा के हलकाध्यक्ष राजू ढुल पाई ने नपा में पत्रकार वार्ता कर बाकायदा मौजूदा विधायक पर नपा के कार्य रोके दिए जाने के भी आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद से विधायक समर्थित 7 पार्षद भी चेयरमैन से काफी नाराज चल रहे थे। शेष 6 पार्षदों में से भी अब दो पार्षद विधायक के समर्थन में आ गए थे और आज चेयरमैन ने उपायुक्त को घेरलू और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
चेयरपर्सन के इस्तीफे को लेकर वार्ड 13 पार्षद ने कहा
वार्ड न.13 की पार्षद कोमल राणा ने बताया कि किसी भी शहर का विकास विधायक के सहयोग से होता है, लेकिन चेयरपर्सन का विधायक की खिलाफत करना और जजपा में चले जाना भी एक कारण था। पिछले काफी समय से शहर के विकास भी रूक चुका था, जो विधायक के सहयोग से किया जाना था। 7 पार्षद पहले से ही चेयरपर्सन से नाराज चल रहे थे और अब दो पार्षद भी उनके संपर्क में थे।
1 मार्च 2018 को सर्वसम्मति से चुनी गई थीं चेयरपर्सन
नगरपालिका पूंडरी के 16 दिसंबर 2018 को चुनाव हुए थे। 19 दिसंबर को रिजल्ट आया और प्रत्याशी चुने गए। जिसमें चेयरमैन बनी संतोष खुराना ने वार्ड नंबर 7 से 419 वोटों जीत हासिल की थी और 1 मार्च 2018 को तत्कालीन विधायक प्रो. दिनेश कौशिक व भाजपा के सहयोग से सर्वसम्मति उन्हें चेयरमैन चुना गया। उसके बाद विधानसभा के चुनाव हुए रणधीर गोलन पूंडरी के विधायक चुने गये। जिसे संतोष खुराना ने भी अपना समर्थन दिया और विधायक ने भी उन्हें चेयरमैन बनाये रखते हुए शहर का विकास करते रहने में से सहयोग दिया, लेकिन अब विधायक और पार्षदों की लगातार नाराजगी के चलते दो वर्ष पहले दिसंबर 2023 में चुनाव होने से पहले उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
क्या लिखा संतोष खुराना ने अपने इस्तीफे में
डीसी कैथल को सोमवार को सौंपे इस्तीफे में संतोष खुराना ने लिखा कि वे मैं घरेलू व व्यक्तिगत कारणों से व मै अकसर अब बीमार रहती हूं और अब वे चेयरमैन का पद संभालने में असमर्थ हूं। इसलिए मैनें स्वेच्छा व बिना किसी दबाव के चेयरमैन के पद को छोड़ रही हूं।
गत वर्ष 25 नवंबर को की थी जजपा ज्वाइन
चेयरपर्सन रही संतोष खुराना ने गत वर्ष 25 नंवबर 2021 को जजपा ज्वाइन की थी, तभी से उनके हटाए जाने की अटकलें शुरू हो चुकी थी। जिसके बाद से नपा में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई। जिसका परिणाम ये हुआ कि अब धीरे-धीरे पार्षद चेयरपर्सन से मुखर होते चले गए।
चेयरमैन बनाना और गिराना पार्षदों के हाथ में : विध्
चेयरमैन बनाना और गिराना पार्षदों के हाथ में होता है। उन्हें तो शहर ही नहीं पूरे हलके का एक समान विकास करवाना है। चेयरपर्सन के इस्तीफा दिए जाने बारे उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। ये पार्षदों का मामला है, किसे चेयरपर्सन बनाया जाना है और किसे हटाना है। -रणधीर सिंह गोलन, विधायक एवं चेयरमैन पशुधन विभाग हरियाणा।
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