नगर पालिका चेयरमैन और पार्षद चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे संभावित उम्मीदवार, वोटरों ने साधी चुप्पी

हरिभूमि न्यूज : नांगल चौधरी
देर रात दरवाजे की घंटी बजती है तो चौंकिए मत, क्योंकि यह कोई मेहमान नहीं हो सकता। नगर पालिका के चुनाव सिर पर हैं, इसलिए पार्षद या चेयरमैन के वोट मांगने वालों ने बजाई होगी। शहर की दुकान या चौपालों पर यहीं चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं। वार्ड पार्षद और चेयरमैन की सीट आरक्षित हो चुकी। अब संभावित उम्मीदवारों ने रात को गुप्त समर्थन मांगना और दिन में जीत के दावे करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि नपा व निकाय चुनावों की पुरानी प्रणाली के मुताबिक पार्षदों के समर्थन से चेयरमैन निर्वाचित होता था। जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप तथा धनबल इस्तेमाल करने संबंधी आरोप लगते रहे हैं। शिकायतें बढ़ने पर सरकार ने नपा, निकाय की चुनावी प्रक्रिया में संशोधन कर दिया। नवीनतम नोटिफिकेशन में चेयरमैन का चुनाव प्रत्यक्ष कर दिया। सरपंच, विधायक व सांसदों की तर्ज पर जनता वोटिंग करके चेयरमैन चुनेगी। प्रदेश लेवल पर नपा पार्षद व चेयरमैन की सीटें आरक्षित कर दी गई हैं। नांगल चौधरी नगर पालिका चेयरमैन की सीट बीसी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित रहेगी। घोषणा होते ही सामान्य वर्ग के संभावित उम्मीदवार घर बैठ गए, दूसरी ओर बीसी कटेगरी में सक्रियता बढ़ गई। नांगल चौधरी नपा में जाटों के बाद सैनी और अहीर वर्ग के मतदाता हैं। जिस कारण सैनी और यादव कटेगरी के संभावित उम्मीदवारों ने साइलेंट जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। चर्चाओं के अनुसार संभावित उम्मीदवार देर रात घर से निकलते हैं। सामान्य वर्ग के वोटरों को स्वयं की बिरादरी में एकतरफा समर्थन का आश्वासन देकर वोट मांगना शुरू कर दिया। एक ही घर में एक के बाद एक करके 4-5 प्रत्याशी पहुंच जाते हैं। वोटर भी किसी को नाराज नहीं कर रहे हैं, सभी को वोट और जीत दिखाकर भेजते हैं। जिसकी बदौलत सभी संभावित उम्मीदवार दिनभर जीत का दावा ठोकते हैं।
शहर से बाहर वार्डों के वोटर रहेंगे निर्णायक
आपको बता दें कि नांगल चौधरी नपा में नोलायजा, नोलपुर, ढाणी जिंदड़, ढाणी ठाक्रान, ढाणी कुंभावाली, ढाणी बायावाली, ढाणी बंजड़, मोहनपुर के वार्ड शामिल हैं। इसलिए चेयरमैन चुनाव की जीत में शहर से बाहर वाले वार्डों के वोटर निर्णायक भूमिका निभाएंगे। 22 जून को ड्रा निकलते ही सामान्य वर्ग के वोटरों ने चुप्पी साध ली। जिस कारण चेयरमैन का ताज किसके सिर पर सजेगा, कहना संभव नहीं हो रहा।
उम्मीदवारों की संख्या पर निर्भर करेंगे समीकरण
वर्तमान परिस्थितियों पर नजर डालें तो यादव बिरादरी में युवा कांग्रेस के हलका प्रधान बबलू यादव, समाजसेवी रामेश्वर पहलवान, प्रवीण कुमार, सुरेश कुमार चेयरमैन उम्मीदवार होने की चर्चाएं हैं। दूसरी ओर सैनियों में लक्ष्मण सैनी, रमेशचंद, सीमा देवी पत्नि महेंद्र सिंह, राजेश कुमार, महेंद्र सिंह सैनी के परिवार से महिलाएं मैदान में उतर सकती हैं। ऐसे में बिरादरी के उम्मीदवारों की संख्या और दूसरी बिरादरी के समर्थन पर जीत निर्भर करेगी।
टिकटों पर चुनाव हुआ तो रोचक रहेगा मुकाबला
नपा और निकाय के चुनाव टिकटों पर होने की चर्चाएं हैं, लेकिन मुकाबला कंट्रेस्ट और भीतरघात होने की संभावना के चलते बड़ी पार्टियां पीछे पैर खींच सकती हैं। क्योंकि एक पार्टी के 4-5 समर्थक चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में सीनियर नेता किसी एक के लिए वोट मांगेगे तो उन्हें विधानसभा चुनावों में नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए अंदरुनी समर्थन के आधार पर चुनाव लड़वाने की चर्चाएं चल रही हैं।
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