पटौदा के बाद कासन में दिखाया पॉवर गेम : राव इंद्रजीत समर्थकों ने एक माह में सजाए दो मंच, दोनों का अलग-अलग संदेश

पटौदा के बाद कासन में दिखाया पॉवर गेम : राव इंद्रजीत समर्थकों ने एक माह में सजाए दो मंच, दोनों का अलग-अलग संदेश
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किसान आंदोलन के बीच हुए कार्यक्रमों से 2024 के आम चुनावों से पहले बढ़ी राव इंद्रजीत सिंह की सक्रियता के साथ राजनीतिक कयासों का दौर भी शुरू हो गया है।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

झज्जर के पटौदा में शहीद सम्मान रैली और गुरुग्राम के कासन में किसानों की तरफ से किसान सम्मान समारोह के सफल आयोजन से न केवल राव इंद्रजीत, बल्कि उनके समर्थक भी गदगद हैं। 17 दिन में अपने गृह जिले से बाहर दो अलग-अलग स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में राव ने अलग-अलग संदेश दिया। प्रदेश में सत्ता पर हावी हो रहे किसान आंदोलन के बीच हुए कार्यक्रमों से 2024 के आम चुनावों से पहले बढ़ी राव इंद्रजीत सिंह की सक्रियता के साथ राजनीतिक कयासों का दौर भी शुरू हो गया है। जिससे आने वाले दिनों में अहीरवाल की राजनीति का नया रूप देखने को मिल सकता है।

पटौदा में भाजपा के कई बड़े नेता राव के साथ मौजूद रहे

राव इंद्रजीत सिंह ने 23 सितंबर को झज्जर के पटौदा में शहीद सम्मान रैली का आयोजन किया। जिसके मंच पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के साथ सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, सांसद धर्मबीर सिंह, सांसद रमेश कौशिक व राज्यसभा सांसद डॉ. डीपी वत्स के साथ अपने समर्थक विधायकों व मंत्रियों के सामने पहले न केवल राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक उत्तराधिकारी आरती राव ने हर हाल में 2024 का चुनाव लड़ने का ऐलान किया, बल्कि राव इंद्रजीत सिंह ने स्वयं भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को संदेश दिया। राव ने रैली के मंच से अहीरवाल की नब्ज को पकड़ते हुए अहीर रेजिमेंट बनाने का भी मांग की।

कासन में न भाजपा नेता दिखे और न ही पोस्टरों में बड़े नेताओं के फोटो

इसके विपरित 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के कासन में आयोजित किसान सम्मान समारोह में राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों को छोड़कर ना तो भाजपा का कोई नेता नजर और ना ही पोस्टरों में बड़े नेताओं के फोटो। किसान सम्मान समारोह का आयोजन कर राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को प्रदेश में किसान आंदोलन के आगे बेबश नजर आ रही सरकार को भी बेनकाब करने का प्रयास किया।

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