Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana : ग्रामीण सड़कों के निर्माण में पहले स्थान की दहलीज पर खड़ा हरियाणा

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana : ग्रामीण सड़कों के निर्माण में पहले स्थान की दहलीज पर खड़ा  हरियाणा
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हरियाणा में तीसरे चरण का लक्ष्य हासिल करने में करीब 20 फीसदी दूर है यानि इस चरण के भी करीब 80 फीसदी लक्ष्य हासिल कर चुका है। यही नहीं फतेहाबाद, गुरुग्राम, पानीपत और मेवात जैसे जिलों में तीनों चरणों की ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा भी हो चुका है। हरियाणा सरकार शहरी विकास के साथ ग्रामीण विकास और बुनियादी योजनाओं देश में अग्रणी राज्यों में शामिल होने के चंद कदम की दूरी पर खड़ा है।

ओ.पी. पाल : रोहतक। हरियाणा गांव और शहरों के बीच सड़क नेटवर्क को मजबूत बनाने यानी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का लक्ष्य हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बनने की राह पर है। मसलन जहां देश के कई राज्य इस योजना के पहले या दूसरे चरण पर ही अटके हुए हैं, वहीं हरियाणा में तीसरे चरण का लक्ष्य हासिल करने में करीब 20 फीसदी दूर है यानि इस चरण के भी करीब 80 फीसदी लक्ष्य हासिल कर चुका है। यही नहीं फतेहाबाद, गुरुग्राम, पानीपत और मेवात जैसे जिलों में तीनों चरणों की ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा भी हो चुका है। हरियाणा सरकार शहरी विकास के साथ ग्रामीण विकास और बुनियादी योजनाओं देश में अग्रणी राज्यों में शामिल होने के चंद कदम की दूरी पर खड़ा है।

देश के शहरों और गांवों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने के लिए साल 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई को कार्यान्वित करने के मामले में हरियाणा अन्य राज्यों के मुकाबले गंभीर और संवेदनशील ही रहा है। इस योजना के 2009 तक चले पहले चरण में ही हरियाणा को मिली 4545 किलोमीटर और उसके बाद 2018 तक दूसरे चरण में मंजूर 1015 किलोमीटर ग्रामीण सड़को को प्रदेश में तय लक्ष्य के भीतर पूरा कर लिया गया था। यही कारण रहा कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में शुरु की गई तीसरे चरण की योजना के लिए हरियाणा में 2496 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़को के निर्माण की मंजूरी दी। मसलन केंद्र सरकार से इन तीनों चरणों में हरियाणा को 3321.20 करोड़ रुपये की लागत से कुल 8058.90 किलोमीटर लंबी 773 ग्रामीण सड़कों की स्वीकृति मिली, जिसमें प्रदेश सरकार अब तक 3052.64 करोड़ रुपये की लागत से 7547.72 किलोमीटर लंबी 701 ग्रामीण सड़को का निर्माण पूरा करा चुकी है। केंद्र प्रायोजित पीएमजीएसवाई के कार्यान्वन की इस रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार को भी उम्मीद है कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लक्ष्य को सबसे पहले पूरा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा? इस तीसरे चरण का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक का है प्रदेश में महज 511.17 किलोमीटर लंबी 72 सड़को का निर्माण करना बाकी है।

ये है पीएमजीएसवाई: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई को दिसंबर 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू किया था। इस योजना के तहत केंद्र सरकार व राज्य सरकार 75:25 के अनुपात से ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर आने वाले खर्च को वहन कर रही हैं। राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार इस योजना के चरणबद्ध सड़कों के निर्माण की मंजूरीदेता है। मैदानी क्षेत्रों में 500 या उससे अधिक की आबादी के साथ योग्य असंबद्ध बसावटों को सड़क नेटवर्क प्रदान करने का प्रावधान है।

खेत सड़क मार्ग योजना

हरियाणा सरकार ने पीएमजीएसवाई के साथ साथ ही शहर व गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के अलावा गांवो को खेतों से जोड़ने के लिए अलग से मुख्यमंत्री किसान खेत सड़क मार्ग योजना को पटरी पर उतार हुआ है। इस योजना के तहत गांवों के सभी छोटे मार्गों 2025 तक चरणबद्ध तरीके से गांवों में खडांजा की सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। मसलन एक गांव से दूसरे गावों और गांव से खेतों को सड़क नेटवर्क से जोड़कर ग्रामीण विकास विभाग कार्य कराया जा रहा है। इस योजना के प्रथम चरण के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के गांवों में 3 व 4 किमी लंबाई तक के 25 किलोमीटर मार्ग का कार्य का लक्ष्य है। इस योजना का मकसद किसानों की कृषि भूमि को सड़क नेटवर्क से जोड़ना है।

इन जिलों में कितना लक्ष्य

22 जिलों में तीन चरणों में 733 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लक्ष्य में अंबाला में 38, भिवानी में 37, फरीदाबाद की 14, फतेहाबाद की 32, गुरुग्राम की 16, हिसार की 46, झज्जर की 56, जींद की 50, कैथल की 31, करनाल की 40, कुरुक्षेत्र की 42, महेंद्रगढ़ की 28, पंचकूला की 10, पानीपत की 38, रेवाड़ी की 28, रोहतक की 68, सिरसा की 50, सोनीपत की 45, यमुनानगर की 29,चरखी दादरी की 22, पलवल की 27 और मेवात की 26 सड़कें बनाई जानी हैं। इनमें से अब तक अंबाला की 36, भिवानी की 33, फतेहाबाद की 13, गुरुग्राम की 16, हिसार की 45, झज्जर की 51, जींद की 43, कैथल की 30, करनाल की 38, कुरुक्षेत्र की 37, पंचकूला की 6, पानीपत की 38, रेवाड़ी की 26, रोहतक की 62, सिरसा की 37,सोनीपत की 42, यमुनानगर की 28, चरखी दादरी की 21, पलवल की 20 और मेवात की 26 सड़कें बनाई जा चुकी हैं। वहीं फरीदाबाद, हिसार, कैथल, यमुनानगर और चरखी दादरी में कार्य अंतिम चरणों में है।

तीसरे चरण में बनी 187 सड़कें

ग्रामीण सड़क एवं आधारभूत विकास एजेंसी के आंकड़ो पर गौर करें तो हरियाणा के 22 जिलों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में 2477.935 किमी लंबी 259 ग्रामीण सड़को की मंजूरी के बाद अब तक 1966.762 किमी लंबी 187 सड़को का निर्माण पूरा किया जा चुका है। यानि दिसंबर 2019 को इस मंजूरी के बाद सरकार ने टेंडर जैसी प्रक्रियाओं को भी तेजी से पूरा किया और फिर कोरोना संकट ने भी योजना को प्रभावित किया, लेकिन इसके बाजवूद सरकार प्रदेश में अब तक करीब 80 फीसदी लक्ष्य पूरा करने में सफल रही है।

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