मत्स्य पालन के लिए सरकार दे रही अनुदान, ऐसे उठाएं लाभ

नूंह : उपायुक्त अजय कुमार ने मछली पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिले में मछली पालन के दिए हुए लक्ष्य को पूरा करें। नूंह जिले में 1510 हेक्टयर तालाबों में मछली पालन का कार्य हुआ तथा 310 लाख मछली बीज तालाबों में संचय किया गया जिसमें 19168 टन मछली का उत्पादन हुआ।
उपायुक्त अजय कुमार शुक्रवार को जिला सचिवालय में मत्स्य पालन विभाग की डीएलसी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले में बेरोजगार व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोडऩे तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाए। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 14 लाख खारे पानी व मीठे पानी 11 लाख रुपए के प्रोजेक्ट पर अनुसूचित जाति व महिला वर्ग को 60 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत की दर से अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे किसान जिनके पास पर्याप्त मात्रा में नहरी पानी उपलब्ध नहीं हैं तथा भूमिगत जल भी खारा/लवणीय हैं, वे मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। झींगा मछली पालन से प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
जिला मत्स्य अधिकारी अनीता दहिया ने बताया कि मत्सय पालन में मेवात जिला राज्य में अग्रणीय स्थान पर रहा है। उन्होंने मत्सय पालन के बारे में जिला में हो रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन में अनुसूचित जाति योजना के तहत अनुसूचित जातियों के मत्स्य पालकों को हैचरी स्थापित करने, मछली की दुकान खोलने, जाल व चारा खरीदने आदि के लिए 25 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।
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