प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए मिलेगी अनुदान राशि, मछली पालन से जुड़े किसान ऐसे उठाएं लाभ

कैथल : उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि सरकार मछली पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान कर उनके आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत्त है। सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरूआत की हुई है, जो मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान सिद्घ हो रही है।
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि मत्स्य पालकों के लिए लिए चलाई जा रही योजनाओं बारे मत्स्य पालकों को जागरूक करें ताकि वे योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति में और सुधार कर सकें। जिला में जो भी लोग मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उन्हें विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाए। उपायुक्त ने कहा कि जिले के जिन गांवों में बरसात के पानी के ठहराव की संभावना अधिक है उन गांवों के लोगों को मत्स्य पालन व्यवसाय के प्रति प्रेरित व जागरूक किया जा रहा है ताकि वे अपनी आमदनी में इजाफा कर सकें।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरूआत की हुई है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को तथा 40 प्रतिशत सामान्य व ओबीसी को अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रार्थी निजी भूमि में या पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, बायाफेलाक, आरएएस, फीड मिल, कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकि सहायता प्राप्त कर सकते हैं। विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा अन्य विभागीय योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक करते हुए समय-समय पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सामान्य व ओबीसी प्रार्थियों के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती है जिसके तहत 10 दिनों की ट्रेनिंग पर 11 सौ रुपए प्रशिक्षण भत्ता भी दिया जाता है। मत्स्य पालकों को चाहिए कि वे सरकार की योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।
मत्स्य किसान इन बातों का रखें ध्यान मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले विभाग से जानकारी प्राप्त कर लें ताकि परेशानी का सामना न करना पड़ेे। कार्य करने से पहले सर्वे बेहद जरूरी है ताकि सभी रिसोर्सेज का पूर्ण ज्ञान हो। यूनिट लगाने से पहले प्रशिक्षण अवश्य लें तथा मिट्टïी व पानी की टेस्टिंग अवश्य रूप से करवाएं ताकि यूनिट कामयाब हो सके।
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