Monsoon Update : हरियाणा में मानसून से पहले प्री-मानसून दिलाएगा भीषण गर्मी से निजात

Monsoon Update : हरियाणा में मानसून से पहले प्री-मानसून दिलाएगा भीषण गर्मी से निजात
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मानसून से पहले 16 से 20 जून के बीच प्री-मानसून लोगों के लिए राहत लेकर आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून गुजरात पहुंच हुआ है और हरियाणा में 30 जून तक मानसून के पहुंचने के आसार है।

शमशेर सैनी : हिसार

सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार को प्रदेश में प्री-मानसून अपनी दस्तक दे देगा। प्री-मानसून से सूबे के लोगों को हीट वेव से राहत मिलेगी, इसके साथ ही खरीफ की फसलों के लिए भी यह संजीवनी के समान साबित होगा। पिछले एक पखवाड़े से जून में रिकॉर्डतोड़ गर्मी और हीटवेव का दौर चल रहा है। ऐसे में लोगों को मानसून का बेसब्री से इंतजार है। यहां बता दें कि मानसून से पहले 16 से 20 जून के बीच प्री-मानसून लोगों के लिए राहत लेकर आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून गुजरात पहुंच हुआ है और हरियाणा में 30 जून तक मानसून के पहुंचने के आसार है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में मानसून ने प्रदेश में 10 जुलाई को दस्तक दी थी, लेकिन पूरे प्रदेश को 13 जुलाई को कवर किया था।

2014 में सूखा, 2010 में रिकॉर्ड बारिश

वर्ष 2014 को छोड़कर हरियाणा में मानसून सीजन की दौरान बारिश सामान्य रहती है। पिछले दस सालों के मानसून सीजन पर नजर दौड़ाई जाए तो 2014 में हरियाणा में सूखा पड़ा था और 262 मिलीमीटर बारिश हुई थी। सूखे के कारण प्रदेश में फसलों के उत्पादन पर सीधा असर पड़ा था। वर्ष 2010 में मानूसन की रिकॉर्ड बरसात हुई थी और मानसून सीजन में बारिश का आंकड़ा 700 मिलीमीटर के पार चला गया था। वर्ष 2013 में भी प्रदेश में 679.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जोकि सामान्य से ज्यादा थी। वर्ष 2017 में भी मानसून के लिहाज के प्रदेश के लिए अच्छा रहा था। इस दौरान सामान्य से ज्यादा 518.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हरियाणा में 400 मिलीमीटर के आस-पास बारिश होती है, जोकि सामान्य है।

मानसून सीजन में 78 फीसद बारिश

प्रदेश में मानसून की बारिश अरब सागर तथा पश्चिमी बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी पवनों द्वारा होती है। इस बार पश्चिमी बंगाल की तरफ से उठने वाली मानसून पवनें ज्यादा सक्रिय रहती है। प्रदेश में दक्षिणी पश्चिमी मानूसन पवनें से बारिश होती है। मानसून सीजन में पूरे वर्ष की बरसात का लगभग 78 फीसद होता है। यह पीरियड जून से सिंतबर के बीच का होता है। 12 प्रतिशत पानी प्री-मानसून के तौर पर मार्च, अप्रैल तथा मई महीने में बरसता है। सात फीसदी बारिश सर्दी के मौसम में दिसंबर, जनवरी तथा फरवरी महीने में होती है। इसके अलावा अक्टूबर व नवंबर माह में 2 फीसद बारिश होती है।

सूखे और बारिश का मापदंड

मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि जिस इलाके में 60 से 99 फीसदी से कम बारिश होती है तो उस इलाके को सूखा प्रभावित माना जाता है। दूसरी तरफ जहां 20 से 50 फीसदी तक बरिश हो तो उसे कम वर्षा वाला माना जाता है। इसके अलावा जहां 9 फीसदी से कम या 9 फीसदी से ज्यादा बारिश होती है, तो उसे सामान्य बारिश वाला क्षेत्र माना जाता है।

वर्ष 2021 में प्रदेश में हुई मानसून की अच्छी बारिश

वर्ष 2021 में प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश हुई थी। पूरे प्रदेश में मानसून 13 जुलाई को सक्रिय हुआ था और मानसून ने 13 दिन की देरी के साथ 8 अक्टूबर को विदाई ली थी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े पर गौर किया जाए तो गत वर्ष प्रदेश के पांच जिलों में सामान्य से बहुत अधिक बारिश हुई थी। इनमें सोनीपत, हिसार, फतेहाबाद, सोनीपत तथा कैथल शामिल हैं, जबकि प्रदेश के जिले अम्बाला तथा पंचकूला में सामान्य से कम बारिश हुई।

प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू के आसार

प्रदेश में पश्चिमी से पूर्वी नमी वाली हवाएं होने से मौसम में 16 जून से बदलाव आने से प्रदेश में प्री मानसून बारिश की गतिविधियां शुरू होने की पूरी संभावना है। इसके चलते राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 16 जून देर रात्रि से 20 जून के दौरान बीच-बीच में हवाओं तथा गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। - डॉ. एमएल खीचड़, अध्यक्ष, कृषि मौसम विज्ञान विभाग, हकृवि।

सबसे पहले पहुंचा मानसून : 14 जून, 1966

सबसे देरी से पहुंचा मानसून : 29 जुलाई, 1951

सबसे पहले लौटा मानसून : 11 अगस्त, 1952

सबसे देरी से लौटा मानसून : 14 अक्टूबर, 1944

हरियाणा में मानसून ने कब-कब दस्तक दी

तारीख- वर्षा (मिलीमीटर में)

13 जुलाई, 2021- 571.3

26 जून, 2020- 323.4

16 जुलाई, 2019- 351.5

28 जून, 2018- 355.6

12 जुलाई, 2017- 518.9

2 जुलाई, 2016 - 418.5

25 जून, 2015 - 391.7

3 जुलाई, 2014- 262.0

16 जून, 2013 - 679.1

9 जुलाई, 2012 - 418.8

8 जुलाई, 2011 - 359.4

5 जुलाई, 2010 -707.5

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