नूंह के रास्ते दिल्ली में दस्तक देने की तैयारी, गुरुग्राम में बढ़ रही कैप्टन अजय सिंह यादव की सक्रियता

नरेन्द्र वत्स/ रेवाड़ी। गत विधानसभा चुनावों में रेवाड़ी हलके से बेटे चिरंजीव राव को चंडीगढ़ का रास्ता दिखाने के बाद पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव इस बार संसद पहुंचने के प्रयासों में कोई कमी नहीं आने देंगे। पिछले लोकसभा चुनावों में मोदी की जबरदस्त लहर के बावजूद कैप्टन ने भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को लगभग पांच लाख वोट लेकर कड़ी चुनौती पेश करने का काम किया था। इस बार कैप्टन ने पहले ही इस लोकसभा क्षेत्र में अपना हाथ मजबूत करने के लिए ताकत झोंकी हुई है।
गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में नूंह जिले के नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जबकि रेवाड़ी के बावल व रेवाड़ी हलके इसमें शामिल हैं। गुरूग्राम, पटौदी, बादशाहपुर और सोहना हलके गुरूग्राम जिले में शामिल हैं। भाजपा के लिए अभी तक मेव बाहुल्य जिला नूंह कमजोर कड़ी साबित होता रहा है। इस जिले में कांग्रेस, इनेलो और बसपा का दबदबा रहा है। गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले 9 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के चार विधायक हैं। कांग्रेस के भी इस लोस क्षेत्र में चार विधायक हैं, जबकि एक सीट पर निर्दलीय विधायक मौजूद हैं।
नूंह जिले पर दशकों से दिग्गजों की नजर रही है। पूर्व सीएम ओपी चौटाला नूंह पर खास नजर रखते थे। अब उनके स्थान पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला नूंह की तीनों सीटों पर नजरें लगाए हुए हैं। कांग्रेस का भी इस इलाके में अच्छा वर्चस्व रहा है। गत लोकसभा चुनावों में कैप्टन अजय सिंह यादव को 4.95 लाख से अधिक वोट मिलने के पीछे नूंह जिले का बड़ा योगदान रहा था। कांग्रेस की पूरे प्रदेश में दयनीय हालत के बीच कैप्टन को इतने वोट मिलना अपने आप में बड़ी बात थी। कैप्टन ने इस बार समय से पहले ही अपने हाथ मजबूत करने के लिए गुरूग्राम क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाई हुई है।
बसपा से मिल चुकी राव को चुनौती
इस लोकसभा क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह को कांग्रेस में रहते हुए वर्ष 2009 में 2.79 लाख वोट मिले थे। वोटों का धु्रवीकरण होने के कारण बसपा प्रत्याशी जाकिर हुसैन ने राव इंद्रजीत सिंह को कड़ी चुनौती देने हुए 1.94 लाख वोट हासिल किए थे। भाजपा प्रत्याशी डा. सुधा यादव 1.26 लाख मतों के साथ तीसरे नंबर पर रही थीं, जबकि हजकां के प्रत्याशी रहे राव नरबीर सिंह 1.17 लाख मतों के साथ चौथे नंबर पर रहे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद राव इंद्रजीत सिंह को 2014 के चुनावों में 6.55 लाख वोट मिले थे। उन्हें इस चुनाव में 3.70 लाख मतों के साथ इनेलो प्रत्याशी जाकिर हुसैन ने ही चुनौती दी थी। कांग्रेस के राव धर्मपाल 1.34 लाख मतों पर सीमित रहे थे।
रेवाड़ी की कमान चिरंजीव राव को
बेटे चिरंजीव राव के विधायक बनने के बाद कैप्टन ने रेवाड़ी हलके में अपनी मजबूत पैठ स्थापित रखने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर डाल दी है। अब उन्हें इस हलके पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत नहीं है। चिरंजीव परिपक्व नेता के रूप में क्षेत्र में पिता की विरासत बखूली संभाल रहे हैं। यही कारण है कि कुछ समय से कैप्टन का फोकस पूरी तरह से गुरूग्राम और नूंह पर है। कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम के तहत वह इन दोनों जिलों में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं। अगर भाजपा गुरूग्राम में एक बार फिर राव को मैदान में उतारती है, तो उनके सामने इस बार कैप्टन के रूप में पहले से कठिन चुनौती तैयार मिलेगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS