हरियाणा विधानसभा को पेपरलैस करने की तैयारी, केंद्र से मिले 12 करोड़ रुपये

हरियाणा विधानसभा को पेपरलैस करने की तैयारी, केंद्र से मिले 12 करोड़ रुपये
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इस काम पर कुल 20 करोड़ रुपये का खर्च आना है। इसमें से कुल 60 फीसद राशि केंद्र द्वारा दी जानी सुनिश्चित हुई थी और बाकी 40 फीसद स्वयं हरियाणा को खर्च करनी थी। केंद्र द्वारा उसके हिस्से के 12 करोड़ दिए जा चुके हैं और बाकी प्रदेश के हिस्से के 8 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़

हरियाणा विधानसभा को पेपरलैस करने की मुहिम अब तेजी पकड़ती जा रही है, इस काम के लिए केंद्र से 12 करोड़ की राशि मिली है। इतना ही नहीं हरियाणा विधानसभा के लिए अलग से जमीन की व्यवस्था को लेकर खुद स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता मुहिम चलाए हुए हैं। जानकारी अनुसार विधानसभा को पेपरलैस बनाने के लिए 12 करोड़ केंद्र की ओर से मिले हैं, विधानसभा को पेपरलैस करने 20 करोड़ की राशि खर्च होगी। हरियाणा को ई-विधानसभा पेपर लैस बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस पर कुल 20 करोड़ का खर्च आना है। इसमें से कुल 60 फीसद राशि केंद्र द्वारा दी जानी सुनिश्चित हुई थी और बाकी 40 फीसद स्वयं हरियाणा को खर्च करनी थी। केंद्र द्वारा उसके हिस्से के 12 करोड़ दिए जा चुके हैं और बाकी प्रदेश के हिस्से के 8 करोड़ आने की उम्मीद है। विधानसभा को पेपरलैस करने को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ़ पार्लियामेंट्री अफेयर्स के साथ हरियाणा का एमओयू भी साइन हो चुका है। बता दें कि देश के कई राज्यों में विधानसभा का काम डिजिटल रूप से हो रहा है। अब उम्मीद बनी हुई है कि प्रणाली जल्दी ही शुरू हो जाएगी।

विधानसभा को डिजिटल करने के साथ ही बचत होगी करोड़ों में

हरियाणा की विधानसभा को पेपरलैस करने की कवायद से राज्य सरकार का करोड़ों का खर्च बच जाएगा। यहां पर बता दें कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बड़ी संख्या में कागज का इस्तेमाल किया जाता है। प्रश्नकाल से लेकर बाकी सभी तरह की कार्यवाही में भारी संख्या में कागजात की खपत होती है। अफसरों विधायकों, मीडिया सभी को कागजात दिए जाते है। अध्यादेश, विधेयकों और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव संबंधी को लेकर कागज का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में पेपरलैस प्रणाली लागू होने के बाद कागज के इस्तेमाल से निजात मिलेगी। इसके अलावा पर्यावरण को संरक्षित करने में भी काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा कागज की प्रिंटिंग , इनके वितरण में काफी स्टाफ की जरूरत पड़ती है। ऐसे कागज का उपयोग बंद होने से कई तरह के अन्य फायदे भी होंगे।

कैसे डिजिटल होगी विधानसभा

विधानसभा में कई तरह के तकनीकी और डिजिटल सुधार किए जाएंगे। ई-विधानसभा में मुख्यमंत्री, स्पीकर समेत नेता प्रतिपक्ष, कैबिनेट मिनिस्टर्स और विधायकों के सामने बेंच पर एलईडी स्क्रीन लगाने का प्रावधान होगा। इससे काम करने में आसानी होगी। इन स्क्रीन पर सभी को विधानसभा की पूरी कार्यवाही दिखाई देगी । इसके जो भी सवाल किसी विधायक द्वारा पूछे जाते हैं और संबंधित मंत्री द्वारा दिए जाने वाले जवाब की पूरी जानकारी उनके सामने स्क्रीन पर एक टच में उपलब्ध होगी। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पैटर्न पर अधिकारियों और मीडिया के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था होगी।

हिमाचल की विधानसभा हो चुकी पेपरलैस

हरियाणा से सटे पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की विधानसभा को पेपरलैस किया जा चुका है। प्रदेश में इस दिशा में काम शुरू किए जाने से पहले हिमाचल प्रदेश की विधानसभा का दौरा यहां के विधायक व स्पीकर कर चुके हैं। दौरे का मकसद वहां पेपरलैस करने संबंधी सभी पहलुओं और वहां के कर्मचारियों की वर्किंग को समझना था। इसके अलावा ये भी समझना था इस पूरे सिस्टम को चलाने के लिए स्टाफ की ट्रेनिंग किस तरह होगी।

पंजाब का हरियाणा के 13 फीसद हिस्से पर कब्जा

पिछले कुछ समय से हरियाणा और पंजाब के बीच विधानसभा इमारत में आपसी हिस्सा का विवाद निरंतर उठ रहा है। हरियाणा लगातार आरोप लगा रहा है कि पंजाब लंबे समय से इमारत में हरियाणा के हिस्से पर कब्जा जमाए है और इसको दिए जाने की मांग कर रहा है। जब हरियाणा अलग राज्य बना और पंजाब से अलग होते समय से संयुक्त फैसला लिया गया था कि पंजाब बड़े भाई की तरह है और ऐसे में इमारत का 60 फीसद हिस्सा पंजाब इस्तेमाल करेगा। हरियाणा के हिस्से 40 फीसद इमारत होगी। लेकिन हरियाणा का कहना है कि प्रदेश को इमारत में महज 27 फीसद हिस्सा ही मिला है। 13 फीसद हिस्से पर पंजाब का कब्जा है।

10 एकड़ जगह की मांग

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता हरियाणा को अलग से विधानसभा बनाए जाने के हक में हैं, इस क्रम में वे केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं। इस दौरान स्पीकर गुप्ता हरियाणा को नई विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग रख चुके हैं। साथ ही हरियाणा के सामने खड़ी चुनौती के बारे में भी बता चुके है।। ये जगह वर्तमान विधानसभा के आस पास ही कहीं मिलनी चाहिए। अगर कुछ तकनीकी दिक्कतें पेश आती हैं तो चंडीगढ़ में ही किसी अन्य जगह पर ये जगह दी जाए।

हरियाणा विधानसभा अध्य़क्ष ज्ञानचंद गुप्ता

हरियाणा विधानसभा को डिजिटल-पेपरलैस करने की दिशा में काम हो रहा है। केंद्र से 12 करोड़ की राशि मिल चुकी है। बाकी हरियाणा का हिस्सा भी जल्द ही स्वीकृत होने वाला है। वहीं पंजाब विधानसभा इमारत में हरियाणा हिस्से पर कब्जा जमाए हुए है। हरियाणा के मंत्रियों और विधायकों के पास में बैठने की व्यवस्था नहीं है। हम इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहे हैं, आने वाले वक्त में प्रक्रिया औऱ तेज होगी।

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