भिवानी नगर परिषद के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू

भिवानी नगर परिषद के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू
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चुनाव से पहले सबसे जरूरी वार्डबंदी का कार्य अगले महीने शुरू होगा। वार्डबंदी के लिए नगर परिषद टेंडर की सभी औपचारिकता पूरी हो चुकी है इसी सप्ताह जिस कंपनी ने टेंडर लिया है वो नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर वार्डबंदी का कार्य शुरू कर देंगे।

कुलदीप शर्मा : भिवानी

कोरोना के कहर और आंशिक अनलॉक के बीच शहर की सरकार यानि नगर परिषद के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चुनाव से पहले सबसे जरूरी वार्डबंदी का कार्य अगले महीने शुरू होगा। वार्डबंदी के लिए नगर परिषद टेंडर की सभी औपचारिकता पूरी हो चुकी है इसी सप्ताह जिस कंपनी ने टेंडर लिया है वो नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर वार्डबंदी का कार्य शुरू कर देंगे। वार्डबंदी के तहत उन क्षेत्रों का नगर परिषद में शामिल किया जाएगा जिनकी सीमा को बढ़ाया गया था तथा उसमे नए वोटर भी इस बार शहर की सरकार बनाने में अपना अहम रोल निभाएंगे। वार्डबंदी की सुगबुगाहट ने पार्षदों के बीच भी हलचल पैदा कर दी है तथा वो सोशल मीडिया पर एक्टिव होने की तैयारी करने में जुट गए हैं। वार्डबंदी का कार्य एक जनवरी 2022 को मानकर किया जाएगा। इसलिए जो युवा एक जनवरी 2022 को 18 साल के होंगे वो शहर की सरकार बनाने में तथा बिगाड़ने में अपना योगदान दे पाएंगे ।

शुरू हुई छोटी सरकार के भविष्य को लॉक की तैयारी

आंशिक अनलॉक में जहां छोटी काशी की आर्थिक व्यवस्था पटरी पर लौट रही है तो इसी आंशिक लॉकडाउन के बीच अब नप अधिकारियों ने छोटी सरकार के भविष्य को भी लॉक करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सबसे पहला काम वार्डबंदी का है तथा यह कार्य आगामी तीन से चार माह में पूरा होने की संभावना है। शहर में नगर परिषद क्षेत्र में आबादी का नए सिरे से सर्वे कर वार्डबंदी की जाएगी। सर्वे एजेंसी से करवाने के लिए टेंडर की सभी प्रक्रिया को पूरा कर दिया गया है । सर्वे में जाति की भी जानकारी ली जाएगी। डोर-टू-डोर सर्वे करके एजेंसी को सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों की जानकारी भी सर्वे में जुटानी होगी। सर्वे करने वाली एजेंसी को 90 दिन के अंदर कार्य पूरा करना होगा। सर्वे में परिवार के मुखिया सदस्यों के नाम, मकान नंबर, आयु और जाति वर्ग के आंकड़े जुटाए जाएंगे।

अधिकारी मान कर चल रहे बढ़ेंगे पांच से सात हजार वोट

नगर परिषद द्वारा वर्ष 2018 में नगर परिषद का दायरा बढ़ाया गया था। बढ़ाए गए दायरे मे जो लोग शामिल हुए हैं अब उन्हें शहर के वार्डों के अंदर शामिल किया जाएगा। कौन सा क्षेत्र कौन से वार्ड में शामिल होगा यह वार्डबंदी ही तय करेगी। नई वार्डबंदी में अब हर वार्ड में वोटरों की संख्या में इजाफा होना लगभग तय है। जो नए लोग वार्ड में जुडेंगे उनकी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के साथ बनेगी या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी। प्रत्येक प्रत्याशी के लिए एक एक वोट बेहद अहम होता है।

पुराने वोटरों का कटना पार्षद के लिए बनेगा परेशानी

पांच साल पहले जो लोग जिस वार्ड में रह रहे थे तथा अब उन्होंने अपना मकान बदल लिया होगा तो उन्हें अपने सभी डाक्यूमेंट में पता भी चेंज करवाना होगा। हाल ही में जो भी पार्षद की कुर्सी पर बैठा हुआ है उसके लिए सबसे बड़ी परेशानी वार्ड के लोगों का दूसरी जगह पर शिफ्ट होना होता है तथा जो लोग अब वार्ड में नए जुडेंगे उनके साथ पार्षद को अपनी ट्यूनिंग मिलाने के लिए बेहद ही कम समय मिलेगा। इसके साथ साथ पार्षद यह भी चाहते हैं कि वार्डबंदी में उनके वार्ड में नए वोटर तो जुड़ जाए लेकिन पुराना एक भी नहीं कटना चाहिए। पिछले चुनावों में हुई वार्डबंदी में काफी आरोप पार्षदों द्वारा लगाए गए थे तथा इस बार होने वाले वार्डबंदी में क्या रहेगा यह देखने वाली बात होगी।

टेंडर की सभी प्रक्रिया पूरी जल्द शुरू होगा कार्य

इस बारे में नगर परिषद के ईओ संजय यादव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि 2022 में होने वाले चुनावों को लेकर वार्डबंदी के लिए टेंडर लगाया गया था तथा उसकी सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रेट को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है तथा कंपनी के साथ उस बारे में जल्द ही बात कर के वार्डबंदी का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होने बताया कि आगामी तीन माह में वार्डबंदी का काम पूरा कर लिया जाएगा तथा इस बार करीब पांच से सात हजार नए वोटर वार्डबंदी में शामिल होने की संभावना है।

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