किसानों के लिए खुशखबरी : गन्ने का रेट बढ़ाने की तैयारी में हरियाणा सरकार, चुनाव के बाद हो सकता है ऐलान

चंडीगढ़। हरियाणा के गन्ना किसानों की आशा भरी नजरें प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर लगी हुई हैं। उनको पंचायत चुनावों और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव हो जाने के बाद गन्ने के भावों में इजाफे की उम्मीद लगी हुई है। हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में हाल ही में सीएम भगवंत मान ने गन्ने के भावों में इजाफा कर दिया है। अब वहां गन्ने के भाव हरियाणा से ज्यादा हो गया है। यहां पर उल्लेखनीय है कि पंजाब सीएम भगवंत मान की ओर से हाल ही में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर रेट देश में सबसे ज्यादा कर दिए गए हैं। पहले हरियाणा बाकी राज्यों के मुकाबले नंबर एक पर था। पंजाब में किसानों को दिवाली से पहले ही सरकार की ओर से बड़ा तोहफा दिया गया था।
पंजाब में गन्ने के दामों में प्रति क्विंटल 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। किसानों को वहां अब 360 के स्थान पर 380 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिलेगा। पंजाब में यह दाम हो जाने के बाद में अब हरियाणा को एक बार फिर से बढ़ोतरी का दबाव बन गया है। कुल मिलाकर एक बार फिर से सूबे के 40 हजार से ऊपर किसानों की नजरें सीएम की ओर लगी हुई हैं। गन्ना किसानों को यह भी उम्मीद है कि पंजाब से एक बार फिर हरियाणा दाम ज्यादा ही देगा। वर्तमान में हरियाणा का रेट प्रति क्विंटल 362 रुपये है, इसमें बीस रुपये का इजाफा प्रति कुंतल भी हुई, तो भी यह पंजाब से ज्यादा हो जाएगा।
लेकिन पंचायत और आदमपुर चुनावों की आचार संहिता इसके बीच में बाधा बनी हुई है। कुल मिलाकर चुनावी झमेले से निकलते ही हरियाणा की ओऱ से गन्ना किसानों को सौगात देने की तैयारी है। यहां पर यह भी बता दें कि हरियाणा के अंदर लगभग पांच करोड़ क्विंटल चीनी का उत्पादन सहकारी क्षेत्र की चीनी मिले करती हैं, जबकि निजी तीन मिलों का उत्पादन लगभग तीन करोड़ कुंतल के करीब है। प्रदेश में दो सवा दो लाख एकड़ में गन्ने की बुआई होती रही है। हरियाणा सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलें अधिकांश हाइवे के जिलों में स्थित हैं।
मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री कर चुके अहम बैठक
मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में (हरियाणा केन कंट्रोल बोर्ड) की बैठक अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में ही हो गई थी। जिसमें राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी हिस्सा लिया था। इस बैठक में गन्ने के दामों में इजाफा करने संबंधी फैसला सीएम पर छोड़ दिया गया था। उस वक्त तक पड़ोसी राज्य पंजाब की ओर से दाम नहीं बढ़ाए गए थे। कृषि मंत्री भी इस बैठक में थे, उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा ही किसानों की हितैषी रही है, अबकी सरकारों के मुकाबले मनोहर सरकार ने उल्लेखनीय काम किसान हित में किया है।
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