President Election : हरियाणा के विधायकों और सांसदों की वोट वैल्यू 20800, जानिए चुनाव का पूरा गणित

चंडीगढ़। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू हरियाणा और हिमाचल में आकर सांसदों और विधायकों से वोट की अपील कर चुकी हैं। देश में 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हरियाणा के सांसद और विधायक वोट डालने की तैयारी में हैं। हरियाणा विधानसभा में चुनाव को लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। एक बार फिर इस चुनाव की कमान रिटर्निंग अधिकारी आरके नांदल के पास होगी। राज्य में विधायकों की संख्या की बात करें तो 90 और लोकसभा के 10 सदस्यों के अलावा पांच राज्यसभा सदस्य की वोट हैं। कुल मिलाकर इन वोटों की वैल्यू 20,800 है। इस मामले में भाजपा के सांसदों और विधायकों की सबसे अधिक वोट बनती हैं।
हरियाणा विधानसभा के सदस्यों की ओर से हाल ही में राज्यसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से कृष्ण लाल पंवार को चुना गया, भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा भी जीत दर्ज करा चुके हैं। खास बात यह है कि दोनों ही राज्यसभा सदस्य इस बार मतदान नहीं कर पाएंगे क्योंकि अभी तक इन दोनों सदस्यों की शपथ नहीं हो पाई है, इनकी शपथ अगस्त में उस वक्त होगी जब 2 सदस्य वहां से रिटायर होंगे। कुल मिलाकर इस बार के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई खुलकर कांग्रेस के खिलाफ बोले और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा को वोट किया था। अब यह भी तय है कि कुलदीप बिश्नोई एनडीए की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को वोट देंगे, हालांकि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की है।
राज्यसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार राष्ट्रपति के चुनाव में भी रिटर्निंग अधिकारी की जिम्मेवारी आरके नांदल के पास होगी। 18 जुलाई को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विधानसभा परिसर में वोटिंग होगी। अहम बात यह है कि सांसद और विधायकों के वोटों का आधार प्रदेश की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित किया जाता है। हरियाणा की वर्ष 1971 की जनसंख्या के आधार पर वोटों की वैल्यू तय की गई है। जनसंख्या के मुताबिक विधायकों की वोट की कीमत 112 और सांसदों के वोट की कीमत 708 रखी गई है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विशेष इंक वाला पेन दिया जाएगा। विधायकों को 1,2,3 लिखकर अपनी पंसद के बारे में बताना होगा और सेलिब्रेशन नहीं बताने की स्थिति में वोट रद्द हो जाएगा। कुल मिलाकर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी राज्य की विधानसभाओं में तैयारी चल रही है। लोकसभा की ओर से दिल्ली में वोट करने का विकल्प भी दिया गया है। लेकिन यह सशर्त होता है, इसमें वोटर को पूर्व सूचना का विकल्प भरकर देना जरूरी है।
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