सिरे चढ़ती नहीं दिखती जेल सुधार की कवायद : हरियाणा की जेलों में क्षमता से दो-तीन गुणा ज्यादा कैदियों की भीड़

ओ.पी. पाल : रोहतक
भले ही पिछले कई सालों से प्रदेश में जेल सुधार की कवायद की जा रही हो, लेकिन हरियाणा की जेलों में लगातार बढ़ती कैदियों की संख्या सिकुड़ने का नाम नहीं ले रही है। इन जेलों में सजा काट रहे कैदियों के मुकाबले ऐसे विचाराधीन कैदियों की भीड़ का अनुपात पिछले साढ़े तीन साल में ही बढ़कर 65 से बढ़कर 89 तक पहुंच चुका है। ये ऐसे कैदी हैं जिन पर लगे आरोप अभी तक सिद्ध नहीं हो सके हैं। हालात ये है कि केंद्रीय और जिला जेलों में उनकी कैदियों को रखने की क्षमता से 2-3 गुणा अधिक कैदी बंद हैं। यही नहीं प्रदेश में जेल विभाग के कर्मियों का इतना टोटा है कि स्वीकृत पद भी खाली पड़े हैं, तो ऐसे में जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की बुनियादी सुविधाएं मिलने की व्यवस्था निश्चित रुप से प्रभावित होना स्वाभाविक होगा। जेलों में बैरकों में भीड़ खासकर कई जेलों में महिला बैरकों का काम रसोई घरों से चलाया जा रहा है। ये हालात तब है कि अदालतों में त्वरित कार्रवाई के चलते हर दिन जेलों में आने वाले कैदियों से ज्यादा बंदियों की रिहाई हो रही है। हरियाणा की जेलों में इस माह 15 जून तक 153 विदेशी और 2188 महिलाओं समेत कुल 42702 कैदी बंद हैं।
आधुनिकीकरण चल रहा
हरियाणा की जेलों के सुधार के लिए राज्य सरकार कई फैसलों पर काम कर रही है, जिसमें जेलों के आधुनिकीकरण और उनकी क्षमता बढ़ाने के साथ कैदियों की बुनियादी सुविधाएं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने जैसे कई सुधारात्मक पहलुओं का खाका खींचा गया है। इसके लिए अधिकारियों की कमेटियां भी ऐसे पहलुओं पर अध्ययन कर रही है, जिसमें जेलों में आने के बाद कैदी या बंदी अपने जीवन में सुधार करने की सोच पैदा कर सके। इसके लिए अंग्रेजी हकूमत के 1894 प्रिजन एक्ट में बदलाव करने की भी सरकार की योजना है।
कैदी चला रहे पेट्रोल पंप
सरकार ने कैदियों की मानसिकता में बदलाव लाने का प्रयास में जेलों की जमीन पर पेट्रोल पंप खोलने के प्रस्ताव किया है, जिसमें पहले पेट्रोल पंप की शुरूआत कुरुक्षेत्र में की जा चुकी है। प्रदेश में ऐसे 11 जेल फिलिंग स्टेशनों के लिए पहले जेलर द्वारा कैदियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। प्रदेश सरकार की योजना के तहत जेलों में सजा काट रही महिलाओं के बच्चों की स्कूल स्तर की पढ़ाई के प्रबंध का जिम्मा जेल प्रशासन संभालेगा। प्रदेश में नूहं जिले में 846 कैदियों को रखने की क्षमता वाली नई जेल का निर्माण कराया है, जिसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जेल सुधार के लिये गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अमिताभ रॉय समिति ने जेलों में भीड़भाड़ की समस्या को दूर करने के लिये कई महत्वपूर्ण सिफारिश की थी, लेकिन देशभर की जेलों में कैदियों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है।
रोहतक में हाई सिक्योरिटी जेल
प्रदेश सरकार रोहतक के सुनारियां में हाई सिक्योरिटी जेल बनाने की मंजूरी के बाद बजट भी जारी हो चुका है। योजना के मुताबिक 76 करोड़ रुपये की लागत से 19.5 एकड़ में अलग से करीब 350 कैदियों की क्षमता वाली हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण करवाया जा रहा है। मसलन विदेशों की तर्ज पर बनने वाली आधुनिक सुविधाओं व सिक्योरिटी से लैस इस जेल में हार्डकोर क्रीमिनल व आतकंवादी रखे जाएंगे।
स्वीकृत पद 4093, 1362 खाली पड़े
प्रदेश की जेलों के लिए 4093 पद स्वीकृत है, जिनमें से 66.72 प्रतिशत ही कार्यरत हैं और 1362 पद खाली पड़े हुए हैं। इनमें 231 अधिकारियों के पदों में केवल 151 ही कार्यरत हैं, जबकि अराजपत्रित अधिकारियों के 159 पदों में से केवल 98 ही कार्यरत हैं। इसी प्रकार 2369 कार्यपालक तैनात है, जबकि स्वीकृत 3346 हैं। हरियाणा की जेलों में 50.5 प्रतिशत चिकित्साकर्मियों की कमी चल रही है। स्वीकृत 99 पदों के मुकाबले 49 चिकित्साकर्मी कार्यरत हैं। जबकि जेलों में 290 मुख्य वार्डन में 276 तथा 2615 वार्डरों में से 1816 ही कार्य कर रहे हैं। जेलों में खासकर रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट जैसे स्वास्थ्यकर्मियों के अभाव में कैदियों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति में देरी होती है।
नेपाल के सर्वाधिक कैदी
हरियाणा की जेलों में लंबे समय से बंद 16 महिलाओं समेत 153 विदेशी कैदियों में सबसे ज्यादा नेपाल के 50 कैदी हैं। जबकि नाइजीरिया के 37, बांग्लादेश के 31, पाकिस्तान के 06, अफगानिस्तान व सूडान के 05-05, उज्बेकिस्तान,आइसलैंड, इराक, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और तुर्कीस्तान के 02-02, कैमरुन और आईवोरीकोस्ट का एक-एक कैदी बंद हैं। सबसे ज्यादा 53 कैदी भोंडसी जेल और 20 फरीदाबाद की जिला जेल में बंद हैं।
बंदी से ज्यादा कैदी रिहा
हरियाणा की जेलों से पिछले दस दिनों यानी दस जून से 19 जून 22 के बीच 24616 बंदियों को रिहा किया गया है, जबकि 21948 कैदी विभिन्न आरोपों में जेलों में बंद किये गये हैं। बावजूद इसके जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यही कारण है कि हरियाणा की जेलों में पिछले डेढ़ साल में विचाराधीन कैदियों का अनुपात औसतन 85 बढ़कर 89 तक जा पहुंचा है, जो 2019 में 65 से 2021 तक 85 तक दर्ज किया गया था।
बुजुर्ग कैदियों को मिलेगी राहत
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर राज्य सरकार हरियाणा में भी 14 साल की सजा पूरी करने वाले 60 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले कैदियों को रिहा करने की तैयारी में है। इसकी सूची जेल प्रशासन तैयार करेगा, जिसे राज्य प्रिजन रिलीज कमेटी को भेजा जाएगा। इसके लिए दोषसिद्ध कैदी के व्यहार और आचरण का भी आकलन होगा। इससे भी जेलों की क्षमता में सुधार होने की उम्मीद है। जेलों का आधुनिकरण भी चल रहा है।
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