जेल में बंद कैदी, बंदियों से मिलने का समय घटा, अब माह में केवल एक बार होगी मुलाकात

जेल में बंद कैदी, बंदियों से मिलने का समय घटा, अब माह में केवल एक बार होगी मुलाकात
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हालात को देखते हुए यह मुलाकात भी बंद की जा सकती है। साथ ही नए मामलों में आने वाले बंदियों को पहले अलग बैरक में आइसोलेट किया जाएगा ताकि अन्य कैदियों को कोरोना से बचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर कैदियों को रेवाड़ी जेल और सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए शिफ्ट किया जाएगा।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

कोरोना का असर हर जगह देखने को मिल रहा है। जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों और बंदियों को कोरोना से बचाने के लिए विशेष प्लान तैयार किया है। जिसके तहत जेल में उनकी परिजनों से मुलाकात का समय घटा दिया गया है। नए आदेशों के तहत माह में केवल एक बार ही मुलाकात हो सकेगी। हालात को देखते हुए यह मुलाकात भी बंद की जा सकती है। साथ ही नए मामलों में आने वाले बंदियों को पहले अलग बैरक में आइसोलेट किया जाएगा ताकि अन्य कैदियों को कोरोना से बचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर कैदियों को रेवाड़ी जेल और सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए शिफ्ट किया जाएगा। जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखी जा रही है। जेल परिसर और बैरकों में सेनिटाइजेशन करवाया गया है।

जेल में जो भी बंदी बाहर से आ रहे हैं, उन्हें पहले से यहां रह रहे बंदियों, कैदियों से अलग रखने की व्यवस्था की गई है। ऐसे मामलों में नए बंदियों को सामान्य बैरक से अलग बनी बैरकों में रखा जाएगा है। जब उनका स्वास्थ्य ठीक मिलेगा तो उन्हें सामान्य बैरकों में भेज दिया जाएगा है। ऐसा करके कोविड को फैलने से बचाया जा रहा है।

हर नए बंदी का हो रहा कोविड टेस्ट

किसी मुकदमे में गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति का सबसे पहले कोविड टैस्ट करवाया जाता है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही आरोपित को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाता है। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव मिलती है तो उपचार के लिए पीजीआई या सामान्य अस्पताल में बनाए गए वार्ड में भेजा जाएगा। यहां से उपचार के बाद न्यायिक हिरासत में जाना होगा।

खांसी जुखाम के मामले बढ़े

जेल में रह रहे बंदी और कैदियों में इन दिनों खांसी और जुकाम के लक्षण पाए जा रहे हैं। उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा जेल के अस्पताल में ओपीडी लगाकर उनके स्वास्थ्य का उपचार किया जा रहा है। जिन मरीजों को ज्यादा दिक्कत महसूस होती हैं उनका पीजीआई में उपचार करवाया जा रहा है।

बंदी भी मिल चुके हैं सक्रमित

अर्बन अस्टेट पुलिस ने चिकित्सक हरिओम मनचंदा पर हुए जानलेवा हमले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। उनकी कोरोना जांच करवाई गई तो वह पॉजिटिव पाए गए। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए भेजा गया है। इसके अलावा मायना में भाभी की गोली मारकर हत्या करने वाला बंदी सूरजमल भी कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने वाले पुलिस कर्मियों को आईसोलेट किया गया।

कैदियों को नारगिरक अस्पताल में उपचार

कैदियों को कोरोना पाए जाने पर सामान्य अस्पताल में बनाए गए वार्ड में उपचार करवाया जाएगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमितों को रेवाड़ी जेल भेजा जाएगा। नए मामलों में गिरफ्तार किए जाने वाले आरोपितों के भी कोविड टैस्ट करवाए जाने के बाद ही कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। हर तरह से एहतियात बरते जा रहे हैं। -गोरखपाल राणा, डीएसपी हेडक्वाटर

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