Doctors Strike : पीजीआई में मरीजों की मुसीबत शुरू, कार्ड बनाने का समय बदला, इलेक्टिव ऑपरेशन बंद

Doctors Strike : पीजीआई में मरीजों की मुसीबत शुरू, कार्ड बनाने का समय बदला, इलेक्टिव ऑपरेशन बंद
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आज से ओपीडी और वार्डों में रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की जांच नहीं करेंगे। 450 रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर ओपीडी पर पड़ेगा।

रोहतक : पीजीआईएमएस में सोमवार एक बजे के बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। मरीजों की असली मुसीबत शुरू होने वाली है। आज से ओपीडी और वार्डों में रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की जांच नहीं करेंगे। 450 रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर ओपीडी पर पड़ेगा।

हड़ताल को देखते हुए ओपीडी में कार्ड बनाने का समय बदल दिया गया है। पहले 8.30 से 1 बजे तक कार्ड बनाए जाते थे। मंगलवार से 8.30 से 11 बजे तक ही कार्ड बनेंगे। इसके अलावा सभी तरह के इलेक्टिव आपरेशन भी बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ इमरजेंसी आपरेशन भी किए जाएंगे। दूसरी ओर छुट्टी से वापस बुलाए गए वरिष्ठ डॉक्टर अब मोर्चा संभालेगे। बता दें कि पीजी के पहले बैच के दाखिले नहीं होने के कारण आॅल इंडिया लेवल पर स्वास्थ्य संस्थानों में हड़ताल शुरू हुई है। दूसरे कई संस्थानों में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाएं देने से मना कर दिया है। लेकिन फिलहाल रोहतक पीजीआईएमएस में इमरजेंसी सेवाएं बाधित करने की कोई योजना नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने संयुक्त रूप से बताया कि अब तक पीजी पहले बैच के दाखिले नहीं होंगे वे हड़ताल जारी रखेंगे।

सोमवार सुबह सभी रेजिडेंट ओपीडी पहुंचे और अन्य दिनों की अपेक्षा ड्यूटी की। इसलिए मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। दोपहर एक बजे के बाद रेजिडेंट डॉक्टर पीजी हॉस्टल में इकट्ठे हुए और आंदोलन की रूप रेखा तैयार की। यहां फैसला लिया गया कि जितने भी रेजिडेंट डॉक्टर वार्डों में हैं सभी को बाहर बुलाया जाए। करीब 2.15 बजे 10-10 रेजिडेंट डॉक्टर्स हर वार्ड में गए और वहां से डॉक्टर्स को अपने साथ लेकर आए।

हो रही है परेशानी

आरडीए ने बताया कि हमारा मकसद मरीजों को परेशान करना नहीं है। लेकिन सात महीने से ज्यादा का समय हो गया है पीजी के पहले बैच के दाखिले अभी तक नहीं हुए। उनका काम भी हमें करना पड़ रहा है। इससे हमारी पढ़ाई भी बाणित हो रही है। जल्द से जल्द इस मसले का समाधान होना चाहिए।

ये डर सता रहा

ओपीडी का समय इसलिए बदला गया है कि यहां हर रोज 6-7 हजार मरीज आते हैं। लेकिन अब रेजिडेंट हड़ताल पर हैं तो इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की जांच करना संभव नहीं होगा। इसलिए कार्ड बनाने का समय दो घंटे कम कर दिया गया है। इलेक्टिव आपरेशन बंद करने के मामले में अंदेशा जताया जा रहा है कि हड़ताल बढ़ सकती है और अन्य डॉक्टर भी इसमें शामिल न हो जाएं। इसलिए अगले आदेशों तक सिर्फ इमरजेंसी आपरेशन ही होंगे।

ये है मामला

स्वास्थ्य संस्थानों के एडमिशन में इकॉनोमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) और ओबीसी कोटा निर्धारित किया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस कारण पीजी के पहले बैच की काउंसलिंग नहीं हो पा रही। अब आॅल इंडिया लेवल पर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है।

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