रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण की प्रक्रिया हुई तेज, फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए टेंडर ओपन

महेंद्रगढ़। रेवाड़ी-सादलपुर लाइन के दोहरीकरण की प्रक्रिया तेज होने लगी है। रेलवे लाइन के दोहरीकरण के एफएलएस (फाइनल लोकेशन सर्वे)के लिए टेंडर ओपन हो गया हैं। छह माह के दौरान करीब 2.30 करोड़ की लागत से एफएलएस तैयार किया जाएगा। एफएलएस की रिपोर्ट तैयार करके अुनमोदन के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के पास भेजा जाएगा। रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम शुरू होगा।
बता दें कि वर्ष 2015 में रेलवे विभाग ने अपने बजट में रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ रेलवे लाइन का दोहरीकरण करने की घोषणा की थी। उस समय रेलवे विभाग का अलग बजट होता था। कुछ समय बाद रेलवे विभाग रेवाड़ी से महेंद्रगढ़ की बजाय सादलपुर तक इस रेलवे लाइन का दोहरीकरण करने का निर्णय लिया था, लेकिन किसी कारणवश रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण की योजना को ठंडे बस्ते में चली गई थी, लेकिन एक बार फिर से इस लाइन के दोहरीकरण की प्रक्रिया तेज हो चुकी हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से रेवाड़ी सादलपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण की एफएलएस के लिए टेंडर ओपन कर दिया हैं। रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन के डबल होने के बाद यात्रियों को काफी फायदा होगा। इसके साथ यात्रियों के समय की भी काफी बचत होगी।
2.30 करोड़ में होगा एफएलएस तैयार
रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण के फाइनल लोकेशन के लिए टेंडर ओपन कर दिया गया है। इसमें इस कार्य से संबंधित डिजाईन, ड्राइंग, तथा डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) एवं अन्य प्रारंभिक गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें करीब 2.30 करोड़ की लागत आएगी। छह माह में एफएलएस का काम पूरा होगा तथा इसकी रिपोर्ट बनाकर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय में अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। इसके बाद रेलवे बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू होगा।
यात्रियों को मिलेगा काफी फायदा
वर्तमान में रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन सिंगल है। इस मार्ग पर मालगाड़ियों व अन्य गाड़ियों का दवाब बढ़ता जा रहा हैं। इसके अलावा रेवाड़ी से सादलपुर के बीच मालगाड़ियों व अन्य ट्रेनों की स्टेशन पर क्रॉसिंग कराई जाती हैं। सुपरफास्ट व एक्सप्रेस गाड़ियों को निकालने के लिए पैसेजर गाड़ियों को काफी देर तक स्टेशन पर खड़ा रखा जाता हैं। इससे रेल सफर करने वाले यात्रियों का काफी समय-समय खराब होता है तथा कई बार लंबी दूरियों की गाडि़यों भी छूट जाती हैं। रेवाड़ी-सादलपुर रेलवे लाइन का दोहरीकरण होने के बाद सुपरफास्ट व एक्सप्रैस गाडि़यों का निकालने के लिए पैसेंजर गाड़ी का स्टेशन पर ठहराव नहीं करने पड़ेगा। इसके अलावा यात्रियों के समय की भी काफी बचत होगी।
छह माह में तैयार होगी एफएलएस
बीकानेर मंडल के सीनियर डीसीएम अनिल कुमार रैना ने बताया कि करीब 2.30 करोड़ की लागत से एफएलएस तैयार की जाएंगी। एफएलएस तैयार होने में छह माह का समय लगेगा। इसमें इस कार्य से संबंधित डिजाइन, ड्राइंग, तथा डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) एवं अन्य प्रारंभिक गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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