जींद रेलवे जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां बनाने की प्रक्रिया अधर में, चार साल पहले हुई थी घोषणा

हरिभूमि न्यूज. जींद
उत्तर रेलवे द्वारा वर्ष 2018 में जींद रेलवे जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई थी और इसके निर्माण को लेकर टेंडर तक भी जारी कर दिए गए थे लेकिन बाद में बजट के अभाव के कारण यह प्रोजक्ट अधर में ही लटक गया। हर साल वित्तीय वर्ष के शुरूआत में जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां लगाने का मुद्दा उठता है लेकिन फिर से यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। ऐसे में स्थानीय लोग चार सालों से स्वचालित सीढ़ियों की बांट जोह रहे हैं।
जींद रेलवे जंक्शन पर तीन प्लेटफार्म हैं। कुछ ट्रेनें अप की हैं जो प्लेटफार्म नंबर एक पर आती हैं तो डाउन की ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर दो पर आती हैं। एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है। इसके अलावा जिनके पास सामान होता है उन यात्रियों को भी सीढ़ियां चढ़ने में और उतरने में दिक्कत आती हैं।
गौरतलब है कि चार साल पहले रेलवे जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां लगाए जाने की घोषणा हुई थी। तब से लेकर अबतक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है। जिसका कारण रेलवे के पास बजट की कमी होना बताया जा रहा है। जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियों के नहीं होने से बच्चों और बुजुर्गों के अलावा दिव्यांगों और दूसरे यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गत सप्ताह सांसद रमेश कौशिक द्वारा रेलवे, एनएचएआईए जिला प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली थी। इसमें शहर में होने वाले विकास कायोंर् की जानकारी मांगी गई थी। लोगों की स्वचालित सीढिय़ों की मांग पर सांसद रमेश कौशिक ने रेलवे के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि रेलवे के पास बजट के अभाव है इसलिए इसका काम शुरू नहीं हो पाया है।
स्वचालित सीढ़ियां लगाने को का काम मुख्यालय स्तर का : श्यामचंद्र
रेलवे के एडीईएनए श्याम चंद्र ने बताया कि अगर जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां लगती हैं तो यात्रियों और दिव्यांगों को भी बहुत लाभ होगा। जींद जंक्शन पर स्वचालित सीढ़ियां लगाने को का काम मुख्यालय स्तर का है और यह कार्य वहीं से होना है। कुछ साल पहले इसकी प्रक्रिया शुरू भी हुई थी।
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