कार्यक्रमों से किसान आंदोलन को मजबूत करने की तैयारी, 22-23 सितंबर को टीकरी बॉर्डर पर कबड्डी मुकाबला

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
मौसम में नरमी आने के बाद बॉर्डर पर फिर से किसानों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। आंदोलन को मजबूती देने के लिए बॉर्डरों पर कार्यक्रम कराए जाएंगे। आगामी 22 से 23 सितंबर तक टीकरी बॉर्डर पड़ाव में कबड्डी मुकाबले होंगे। इसके अलावा मंगलवार को हिंदी दिवस पर भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
रिटायर्ड प्रिंसिपल शारदा दीक्षित ने कहा कि ये राजनीतिक लोग भाषा और धर्म के नाम पर आम लोगों को बांटते हैं। मंत्रियों के बच्चे विदेशों से पढ़कर आते हैं और यहां अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलते हैं और बात करते हैं हिंदी को मजबूती देने की। गरीब मजदूर परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन सरकारें इन स्कूलों पर ध्यान नहीं देती। ऐसी स्थिति में शिक्षा और हिंदी को मजबूती कैसे दी जाए। सुदेश कोयत ने कहा कि करनाल में हुई पंचायत से सरकार डर गई थी। इसी वजह से हमें जीत मिली। इसी तरह मजबूती से रहें तो आंदोलन की जीत भी जल्द होगी। जोगेंद्र नैन ने कहा कि आंदोलन को दस महीने पूरे होने को हैं। अभी तक किसानों ने पूरी शिद्दत से लड़ाई लड़ी है। मोर्चे की एक कॉल पर सभी एकजुट हो जाते हैं। सत्ता के कुछ लोग कह रहे थे कि किसानों को मुजफ्फरनगर में नहीं घुसने देंगे।
पांच सितंबर को महापंचायत में जुटी रिकार्ड भीड़ ने ऐसे लोगों पर तमाचा जड़ दिया। अब 27 सितंबर को भारत बंद का एलान किया गया है। इसे भी सभी को मिलकर सफल बनाना है। पूरे देश में बंद का असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को स्व. चौधरी घासीराम नैन की बद्दवोल टोल प्लाजा नरवाना में पुण्य तिथि मनाई जाएगी। उस दिन अधिक से अधिक किसान पहुंचे। प्रगट सिंह ने कहा कि स्व. घासीराम की बरसी टीकरी बॉर्डर पर भी मनाई जााएगी। किसान मोर्चा के मेन लीडर इस मौके पर मौजूद रहेंगे। मुजफ्फरनगर महापंचायत और करनाल पंचायत ने सरकार को हिला दिया है। हमने सेमीफाइनल जीत लिया है। फाइनल मैच भी जल्द जीतकर अपने घर लौटेंगे। आगामी 22 से 23 सितंबर तक टीकरी बॉर्डर पर कबड्डी के मैच कराएंगे जाएंगे।
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