हरियाणा में पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण और राइट टू रिकॉल का प्रस्ताव पास

हरियाणा में पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण और राइट टू रिकॉल का प्रस्ताव पास
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यह संशोधन संवैधानिक प्रावधानों को अमल में लाने तथा ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में लिंग के सम्बन्ध में पर्याप्त और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के सभी तीनों स्तरों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए किया गया है। वहीं शु्क्रवार को हरियाणा विधानसभा सत्र में कुल मिलाकर सात विधेयक पारित किए गए।

हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया है। अब हरियाणा में महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50% आरक्षण मिलेगा। वहीं राइट टू कॉल का प्रस्ताव भी पास हो गया है।

यह संशोधन संवैधानिक प्रावधानों को अमल में लाने तथा ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में लिंग के सम्बन्ध में पर्याप्त और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के सभी तीनों स्तरों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने के लिए किया गया है।

यह संशोधन संरपचों तथा पंचायत समिति एवं जिला परिषद के सदस्यों के पद के लिए 'क' श्रेणी से सम्बन्धित पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करना भी प्रस्तावित करता है। यह प्रगतिशील परिवर्तन पिछड़े वर्गों में अधिक वंचितों के सशक्तिकरण तथा उत्थान में मदद करेगा।

यह संशोधन किसी निर्वाचित सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के सदस्यों की अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए वापस बुलाने के उपबन्ध का प्रावधान करता है। इस प्रावधान का आशय पंचायती राज संस्थाओं में शासितों के प्रति शासन की लोकतान्त्रिक जवाबदेही को बढ़ाना है।

वहीं शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा सत्र में कुल मिलाकर सात विधेयक पारित किये गए, जिनमें हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2020, हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) संशोधन विधेयक, 2020, हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020, हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक, 2020, और पंजाब भू राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल हैं।

मुख्य संशोधन

1. महिलाओं को मिलेगा 50% आरक्षण

2. 2/3 बहुमत पर होगा ग्राम सभा को राइट टू कॉल

3. ग्राम पंचायत, ब्लॉक समिति, जिला परिषद में पिछड़ा वर्ग को मिलेगा 8% या न्यूनतम 2 सीटों का आरक्षण

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