कोविड से बचाने के लिए कुपोषित बच्चों को वितरित किया जाएगा प्रोटीन युक्त आहार

कोविड से बचाने के लिए कुपोषित बच्चों को वितरित किया जाएगा प्रोटीन युक्त आहार
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पायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनाथ होने वाले इन सभी बच्चों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करते रहें। उन्होंने कहा कि जिले में ऐसे व्यक्तियों का भी डाटा तैयार किया जाएगा, जिनकी घर पर ही बीमार होने के कारण मृत्यु हुई थी और उनमें कोरोना बीमारी के लक्षण थे एवं किसी कारणवश उनका कोविड टेस्ट नहीं हो पाया।

हरिभूमि न्यूज, चरखी दादरी

जिले में कोरोना महामारी के कारण 18 वर्ष से कम की उम्र के अनाथ हुए बच्चों के घर एक माह का सूखा राशन व आवश्यक खाद्य सामग्री पहुंंचा दी गई है। उपायुक्त राजेश जोगपाल ने लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह के सभागार में अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिले में जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या माता-पिता में से किसी एक की जान चली गई है, ऐसे बच्चों की सूची तैयार की जाएगी।

उन्होंने ने कहा कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा भी रहेगा। इसलिए जिले के कुपोषित 724 बच्चों को प्रोटीनयुक्त आहार वितरित किया जाएगा। संतुलित एवं प्रोटीनयुक्त आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है। कोरोना के संक्रमण से बचने केे लिए बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी मजबूत किया जाए।

उन्होंने बताया कि अभी तक महिला एवं बाल विकास विभाग तथा बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा तैयार रिपोर्ट अनुसार जिले में 8 ऐसे बच्चे पाए गए हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है। इसके अलावा 5 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता की मृत्यु अन्य किसी कारण से हुई है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में 19 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि इन सभी 32 बच्चों के घर पर एक माह का राशन व आवश्यक खाद्य सामग्री अगले तीन माह तक जिला प्रशासन की ओर से भिजवाया जाएगा। इनको एक माह राशन सामग्री पहुंचा दी गई है।

उपायुक्त ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल परिषद और जिला बाल संरक्षण अधिकारी टीम बनाकर इन सभी 32 बच्चों के घर जाकर उनकी वर्तमान स्थिति का पता लगाएंगे। खासतौर से लड़कियों से बात कर उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि अनाथ होने वाले बच्चे अगर किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं तो संस्था को उनकी फीस माफ करनी होगी। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनाथ होने वाले इन सभी बच्चों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करते रहें। उन्होंने कहा कि जिले में ऐसे व्यक्तियों का भी डाटा तैयार किया जाएगा, जिनकी घर पर ही बीमार होने के कारण मृत्यु हुई थी और उनमें कोरोना बीमारी के लक्षण थे एवं किसी कारणवश उनका कोविड टेस्ट नहीं हो पाया।




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