पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण न हटाने पर कड़ा रुख अपनाया, आठ सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण न हटाने पर कड़ा रुख अपनाया, आठ सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश
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हाई कोर्ट ने राज्य की सभी पंचायतों को भी आदेश दिए थे कि वह भी यह सुनिश्चित करें कि उनके गांव की पंचायत की जमीन पर किसी भी किस्म का अतिक्रमण न हो और अगर ऐसा होता है तो पंचायत तत्काल उस अतिक्रमण को खाली करवाए जाने की कार्रवाई शुरू की जाए।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने गांवों में पंचायती जमीन, शामलात देह और साझे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण न हटाने पर कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश के सभी जिलों में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इसी मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर वीरवार को डीसी करनाल व खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी ( बीडीपीओ) घरौंडा बेंच के सामने प्रत्यक्ष रूप से पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान बेंच को बताया गया घरौंडा में कई जगह अभी कई जगह अतिक्रमण व उसे हटाया नहीं जा रहा है। इस पर बेंच ने डीसी करनाल व बीडीपीओ को फटकार लगाते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश देते हुए आठ सप्ताह में कोर्ट में रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि पंचायत जमीन पर कब्जों व अतिक्रमण को लेकर जिन केसों का निपटारा किया हो चुका है , अतिक्रमण हटा कर जमीन पंचायतों को सौंप दी जाए। हाई कोर्ट ने राज्य की सभी पंचायतों को भी आदेश दिए थे कि वह भी यह सुनिश्चित करें कि उनके गांव की पंचायत की जमीन पर किसी भी किस्म का अतिक्रमण न हो और अगर ऐसा होता है तो पंचायत तत्काल उस अतिक्रमण को खाली करवाए जाने की कार्रवाई शुरू की जाए। हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में हजारो एकड़ जमीन को खाली करवाकर पंचायत को सौंप दी गई थी जबकि अभी काफी संख्या में पंचायती जमीन पर अतिक्रमण है।

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