हरियाणा कौशल विकास मिशन के सीएसओ की नियुक्ति पर उठे सवाल...

हरियाणा कौशल विकास मिशन के सीएसओ की नियुक्ति पर उठे सवाल...
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फतेहाबाद के मॉडल टाउन व हिसार में स्किल्स सेंटर चलाने वाले रिन्कू मनचंदा ने आरोप लगाते हुए बताया कि हरियाणा कौशल विकास मिशन पंचकूला के सीएसओ डॉ. दीपक शर्मा द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद। बिल पास करने की एवज में 3 लाख रुपये रिश्वत (Bribe) लेते पंचकूला में पकड़ी गई महिला के मामले में शिकायतकर्ता ने हरियाणा कौशल विकास मिशन पंचकूला (Haryana Skill Development Mission) के सीएसओ डॉ. दीपक शर्मा को मुख्य साजिशकर्ता बताया और एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों पर दबाव बनाकर बचने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

फतेहाबाद के मॉडल टाउन व हिसार में स्किल्स सेंटर चलाने वाले रिन्कू मनचंदा ने आरोप लगाते हुए बताया कि हरियाणा कौशल विकास मिशन पंचकूला के सीएसओ डॉ. दीपक शर्मा द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सम्बंधित विभाग की ओर उसका 40 लाख रुपये का बिल बकाया है, जिसे पास करवाने के लिए वह लम्बे समय से चक्कर काट रहा है लेकिन बिल पास नहीं किया जा रहा था। ऐसे में जब उसने सीएसओ डॉ. दीपक शर्मा से बात की तो उन्होंने बिल पास करवाने की ऐवज में 5 लाख रुपये की डिमांड की। रिन्कू ने बताया कि इस संदर्भ में दीपक शर्मा ने पूनम चौपड़ा नामक महिला से मिलने को कहा। जब वह पूनम चौपड़ा से मिला तो उक्त महिला ने बताया कि वह दिल्ली के विकासपुरी की रहने वाली है। उसके दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में स्किल्स सेंटर है और उसके सिलसिले में उसका पंचकूला सहित अन्य राज्यों में आना जाना रहता है। रिंकू ने बताया कि महिला की बातों पर विश्वास करते हुए उसने दीपक शर्मा द्वारा मांगे गए 5 लाख रुपये में से दो लाख रुपये दे दिए, जबकि बाकि तीन लाख रुपये बाद में देने को कहा। इसके बाद उन्होंने इसकी पूरी जानकारी सबूतों के समेत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो को दी। इसके आधार पर एसीबी ने जाल बिछाकर गत दिवस पूनम चौपड़ा को पंचकुला में तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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रिंकू मनचंदा ने बताया कि रिश्वत की रकम लेने वाली पूनम के कई बड़े अधिकारियों के साथ तालमेल हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने महिला को गिफ्तार कर आगामी कार्रवाही शुरू कर दी है, लेकिन रिश्वत के इस मुख्य सूत्रधार सीएसओ डॉ. दीपक शर्मा पर अभी तक कोई कार्र्यवाही नहीं की गई है। रिंकू मनचंदा ने बताया कि वर्ष 2016 में दीपक शर्मा ने ज्वाइनिंग की थी। उसने गलत तरीके से व फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर यह नियुक्ति प्राप्त की थी। इस संदर्भ में संबंधित विभाग को 11 अप्रैल 2023 को पत्र जारी कर सूचित किया गया तथा दीपक शर्मा पर कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन इतने दिनों में कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। रिन्कू शर्मा के अनुसार विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विजयेन्द्र कुमार ने 3 वर्ष पूर्व दीपक शर्मा की सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश की थी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। रिंकू मनचंदा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल व हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो से मांग की है कि दीपक शर्मा के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही कर सलाखों के पीछे डाला जाए।

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