Private Schools व Book Sellers पर मारा छापा : शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई, वर्दी का अधिक मूल्य लेने की जांच शुरू

Sirsa : शहर में कुछ निजी स्कूल संचालकों द्वारा बुक सेलर व वर्दी के दुकानदारों से मिलीभगत कर कई गुना रेट पर निजी व सरकारी स्कूलों की वर्दी व किताबे बेचने की शिकायत के बाद शुक्रवार को शिक्षा विभाग की टीम ने सिरसा के जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) के नेतृत्व में छापेमारी की। टीम ने रतिया शहर के आधा दर्जन निजी व सरकारी स्कूलों में छापामार कार्रवाई के साथ ही कई किताबों की दुकानों पर भी छापेमारी की। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से निजी स्कूल (Private schools) संचालकों व बुक सेलरों में हड़कंप की स्थिति मची रही। बाद में टीम ने निरीक्षण रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में भेज दी।
कुछ दिनों पहले सीएम विंडो पर कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि रतिया (Ratia) के कुछ निजी स्कूल संचालकों द्वारा दुकानदारों से मिलीभगत कर महंगे रेटों पर स्कूलों की वर्दी व किताबें बेची जा रही है। इस शिकायत पर सिरसा के जिला शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश, एसओ अमित कुमार व अन्य अधिकारियों की टीम ने आज रतिया में कई निजी स्कूलों व सरकारी स्कूलों में छापामार कार्रवाई की। टीम द्वारा दुकानदारों से बच्चों को दी जाने वाली वर्दी के रेट, निजी स्कूलों से किसी तरह से कोई डीलिंग बारे विस्तार से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि दुकानदारों से निजी स्कूलों से उनके किसी प्रकार के टाईअप संबंधी जानकारी ली गई।
उनसे बकायदा रेट भी लिए गए। वर्दी कपड़े की क्वालिटी भी चेक की गई। टीम ने कुछ निजी स्कूलों व सरकारी स्कूल का भी दौरा किया और वहां विद्यार्थियों से भी बात कर जानकारी ली कि उन्हें वर्दी किस रेट में मिली, अध्यापकों ने किसी विशेष दुकान से वर्दी खरीदने का दबाव आदि तो नहीं बनाया। पिछले दिनों एक युवक द्वारा सीएम विंडो पर शिकायत देकर आरोप लगाया गया था कि निजी स्कूल व बुक सेलर्स और वर्दी बेचने वालों की सांठगांठ है। वर्दी 800 से हजार रुपए तक दी जाती है और स्कूल द्वारा बताई जाने वाली दुकान से ही वर्दी और बुक मिलती है। इस कारण अभिभावक परेशान है।
मेन बाजार स्थित राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल मनोज अग्रवाल ने बताया कि आज शिक्षा विभाग की टीम आई थी और उन्होंने विद्यार्थियों से वर्दी खरीद के बारे में पूछा की थी, इसके बाद टीम चली गई। एक दुकानदार ने बताया कि शिक्षा विभाग की टीम उनकी दुकान पर आई थी और वर्दियों के रेट लिस्ट के बारे में उनसे पूछताछ की थी, इसके बाद टीम चली गई।
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