रेलवे लाइन सर्वे : सांसद बोले- महेंद्रगढ़ से कभी गुजरनी ही नहीं थी दादरी-अलवर रेलवे लाइन, विधायक ने कही ये बात ...

रेलवे लाइन सर्वे : सांसद बोले- महेंद्रगढ़ से कभी गुजरनी ही नहीं थी दादरी-अलवर रेलवे लाइन,  विधायक ने कही ये बात ...
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सांसद धर्मबीर सिंह ने दूरभाष पर बताया कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कभी महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर नहीं निकलनी थी। उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी हासिल की है। पिछले दिनों जो सर्वे हुआ है। वो एकदम सहीं है।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह ने दूरभाष पर हरिभूमि से बातचीत में बताया है कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन को लेकर दिए गए ब्यान के बाद अहीरवाल क्षेत्र के तीन बड़े शहरों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। सांसद के आए इस ब्यान के बाद महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ को लोगों की उम्मीद पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। सांसद धर्मबीर सिंह ने दूरभाष पर बताया कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कभी महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर नहीं निकलनी थी। उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी हासिल की है। पिछले दिनों जो सर्वे हुआ है। वो एकदम सहीं है। चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कनीना होकर ही निकलनी थी।

सांसद के रेलवे लाइन को लेकर आए ब्यान के बाद स्थानीय नेताओं व लोगों में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि महेंद्रगढ़ शहर के साथ हमेशा भेदभाव होता आया है। एक फिर से क्षेत्र के नेताओं की कमी चलते महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ के साथ अन्याय हुआ है। बता दें कि वर्ष 2012 में रेल मंत्रालय ने दक्षिण हरियाणा व अलवर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए बजट में दादरी से वाया महेंद्रगढ़, नारनौल, बहरोड़ होते हुए अलवर तक नई रेल लाइन सर्वे की घोषणा की थी लेकिन सर्वे के लिए बजट नहीं दिया गया। जिसे दो साल योजना कागजों में रहीं। पिछले दिनों दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन को कनीना से निकाला जा रहा है। इसको लेकर सर्वे भी हो चुका है।

किस नेता का क्या है कहना

-सांसद धर्मबीर सिंह का कहना है कि उन्होंने इस बारे में जानकारी हासिल की है। दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन कभी भी महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर नहीं गुजरनी थी। अभी जो पिछले दिनों जो सर्वे हुआ है, वह सही है।

-महेंद्रगढ़ विधायक राव दानसिंह का कहना है कि चरखी दादरी से अलवर जाने वाली रेलवे लाइन महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ होकर जाने थी। इसको लेकर पहले कई बार सर्वे भी हो चुका है। कनीना से इस लाइन को निकालने का कोई फायदा नहीं है। अगर यह रेलवे लाइन पुराने सर्वे के आधार पर निकाली जाती है तो कनीना के साथ-साथ महेंद्रगढ़, नारनौल व बहरोड़ जैसे तीन बड़े शहरों का विकास होगा। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।

-पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि वह घरेलू कार्यक्रम होने की वजह से थोड़े व्यस्त थे। इस सप्ताह रेलमंत्री से मुलाकात कर इस बारे में बात की जाएगी। क्षेत्र की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा।

-महेंद्रगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन रमेश सैनी का कहना है कि अहीरवाल के साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है। पुरानी सर्वे से आधार पर रेलवे लाइन निकालने से महेंद्रगढ़ सहित अन्य शहरों को काफी फायदा होगा। महेंद्रगढ़ वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र एक बड़ा हब बन चुका है। वहीं, यहां सेट्रल यूनिवर्सिटी होने के कारण देश के हर कोने से बच्चे शिक्षा करने आते है। अगर पुराने सर्वे के आधार पर रेलवे लाइन निकाली जाती है तो काफी फायदा होगा।

-पूर्व विधायक राव बहादुरसिंह का कहना है कि यह क्षेत्र के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुराने सर्वे के आधार पर अगर रेलवे लाइन निकलती तो महेंद्रगढ़ के साथ-साथ नारनौन व बहरोड़ शहर को काफी फायदा होता। सरकार को इस रेलवे लाइन को पुराने सर्वे के आधार पर निकालना चाहिए। स्थानीय लोगों को साथ जोड़कर मुख्यमंत्री तक क्षेत्र की आवाज पहुंचाई जाएगी।

बार एसोसिएशन ने रेल मंत्री के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

महेंद्रगढ़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बार प्रधान बंसीलाल यादव की अध्यक्षता में रेल मंत्री को ज्ञापन सौंपा। बार प्रधान ने बताया कि नई रेल परियोजना में पहले जब सर्वे हुआ था, उस समय रेल लाइन को दादरी से महेंद्रगढ़, महेंद्रगढ़ से नारनौल तथा आगे बहरोड होते हुए अलवर जाना था। परंतु बिना किसी कारण के इस परियोजना को बदलते हुए सरकार ने महेंद्रगढ़-नारनौल को इस सुविधा से महरूम कर दिया है, जिससे इलाके के लोगों को आमजन के विकास पर भारी असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जनहित में पुराने प्लान के तहत रेल परियोजना को दादरी से महेंद्रगढ़ तथा महेंद्रगढ़ से नारनौल होते हुए जाना चाहिए। इससे क्षेत्र के विकास में गति होगी। इस मौके पर उनके साथ जजपा लीगल सेल जिला अध्यक्ष जिम्मी चौधरी, जितेंद्र यादव, गोरी शंकर, रविंद्र बसई, शमशेर यादव तथा अन्य अधिवक्ता थे।

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