युवाओं को मिलेगा रोजगार : हरियाणा के इस शहर में शुरू होगी रेलवे पार्ट्स बनाने की कंपनी, सोनीपत में मारुति प्लांट लगाने का रास्ता साफ

चंड़ीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा इंटरप्राइजिज प्रोमोशन सैंटर की बैठक में सोनीपत के खरखौदा में लगभग 900 एकड़ भूमि पर मारुति का नया प्लांट स्थापित करने के लिए क्लीयरेंस दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे मारुति की प्रोडेक्शन और बढ़ेगी जिससे प्रदेश में ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में हरियाणा इंटरप्राइजिज प्रोमोशन सैंटर की बैठक की अध्यक्षता करने उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के छोटे -बडे़ निवेशकों के साथ समय समय पर यह बैठक आयोजित की जाती हैं ताकि उनसे बातचीत करते हुए उनकी मांग व पॉलिसी के अनुसार उन्हें छूट दी जा सके। बैठक में ऐसे दो बड़े उद्योगों नामतः मारुति तथा ग्रासिम पेंट्स के साथ बातचीत करते हुए उन्हें पॉलिसी के अनुसार मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि मारुति द्वारा खरखौदा में लगभग 900 एकड़ जमीन पर प्लांट स्थापित करने को लेकर चल रही बातचीत को आज अंतिम रूप दिया गया है। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ इस बारे में विस्तार से विचार विमर्श हुआ है। यदि कंपनी 45 दिनों के भीतर तय की गई पूरी राशि जमा करवा देती है तो उसे पॉलिसी अनुसार कुल राशि पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा कंपनी को 15 साल के लिए एसजीएसटी की रीइमब्रसमेंट दी गई है। इससे मारुति कंपनी द्वारा प्रोडक्शन को और अधिक बढ़ाया जाएगा जिससे ऑटो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, एक अन्य कंपनी ग्रासिम पेंट्स की है जिसे स्थापित करने की बातचीत पहले रोहतक में चल रही थी लेकिन किन्ही कारणों से अब वे इस प्लांट को पानीपत में स्थापित करना चाहते हैं। इस प्लांट के एक्सचेंज में कुछ नई शर्तों को जोड़ा गया है। इस कंपनी को भी पॉलिसी अनुसार छूट दे दी गई है। यह उद्योग 70 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक अन्य प्रौजेक्ट रेलवे के पार्ट्स बनाने का भी आया है जिस पर आज बातचीत प्रारंभ हुई है। यह प्रौजेक्ट रोहतक में लगाया जाएगा।
प्रदूषण संबंधी विषय पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि केवल दिल्ली एनसीआर ही नही बल्कि प्रदेश के शहरों व गांवो में प्रदूषण कम हो। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को उपकरण तथा मशीनें सब्सिडी पर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है। हमारे यहां पराली जलाने के 183 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि हमारे साथ पंजाब में लगभग 3500 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं। ये मामले सैटेलाइट इमेजरी से प्राप्त फोटों के आधार पर दर्ज होते हैं, इसके लिए मौके पर जाने की जरूरत नही होती। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय का जो भी आदेश होगा उसे दृढ़ता से लागू किया जाएगा।
हरियाणावासियों के लिए प्राइवेट संस्थानों में भी 75 प्रतिशत रोजगार के अवसर आरक्षित करने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजना उद्योगों तथा उद्यमियों से विचार विमर्श करने के बाद ही लागू की गई है। उद्यमियों के सुझावों पर 50 हजार रूप्ये मासिक को घटाकर 30 हजार रूपये किया गया है। इसके बाद सभी संतुष्ट हैं और यह योजना जनवरी 2022 से लागू हो जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 22 नवंबर से 15 दिसंबर तक एक लाख से कम आय वाले परिवारों की पहचान की जा रही है। उन चिन्हित परिवारों को कौशल विकास, व्यवसाय शुरू करने के लिए कर ऋण आदि उपलब्ध करवाने तथा विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ देकर उनकी मदद की जाएगी।
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