नौकरी दिलाने के नाम पर रेलवे के स्टेनोग्राफर ने ली रिश्वत, कोर्ट ने सुना दी ऐसी सजा

रेवाड़ी। करीब 5 वर्ष पूर्व रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम 4 लाख रुपए की वसूली करने के आरोपी जयपुर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के तत्कालीन स्टेनोग्राफर को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे 4 साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
बावल के मोहल्ला हसनपुर में त्रिलोकचंद ने फरवरी 2017 में बावल पुलिस को दी शिकायत में कहा कि गांव जलालपुर के उसके दोस्त चितर सिंह ने बताया कि जयपुर मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय में बतौर स्टेनोग्राफर कार्यरत जगदीश चौधरी पैसे लेकर रेलवे में नौकरी लगवाता है। उसने बताया कि चितर सिंह के बताए अनुसार वह जयपुर डीआरएम कार्यालय में जाकर जगदीश चौधरी से मिला। उसने उसे बताया कि वह अपने दोस्त के बेटे भारत को रेलवे में नौकरी लगवाना चाहता है। जगदीश चौधरी ने कहा कि वह भारत को रेलवे में गैंगमैन के तौर पर भर्ती करा सकता है।
त्रिलोकचंद ने बताया कि 4 लाख की मांग करने पर उसने जगदीश को 3.50 लाख रुपए का चेक दे दिया। उसे जब कुछ दाल में काला दिखाई देने लगा तो जगदीश को रंगे हाथ पकड़वाने के लिए उसने उसे रेवाड़ी की गोकल गेट पुलिस चौकी के पास बचे हुए 50 हजार रुपये देने के लिए बुलाया। इससे पूर्व उसने डीएसपी मोहम्मद जमाल से मिलकर सारे मामले से अवगत कराया था। डीएसपी ने तत्कालीन बीडीपीओ खोल राजेंद्र सिंह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया। जैसे ही जगदीश चौधरी रिश्वत के 50 हजार रुपये लेने के लिए गोकल गेट पहुंचा तो पुलिस टीम ने उसे रंगे हाथों काबू कर लिया। करीब पांच वर्ष तक चले इस मामले में पुलिस समेत पीड़ित पक्ष के आधा दर्जन लोगों की गवाही हुई। दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जगदीश चौधरी को दोषी करार दिया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS