बारिश ने धोया स्मॉग : प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों को राहत, AQI में गिरावट

जींद। पिछले काफी दिनों से प्रदूषण के चलते स्माग व अन्य स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का प्रकोप झेल रहे जींद के लोगों के लिए बुधवार का दिन राहत भरा रहा। मंगलवार को एक्यूआई का स्तर 368 तक खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया था। जो पहली बारिश के बाद 157 प्वायंट घट कर बुधवार को एक्यूआई 211 पर आ गया। बुधवार को पूरा दिन सूर्य देवता के दर्शन होते रहे और लोगों ने भी स्वच्छ हवा में सांस ली।
पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं ने पर्यावरण प्रदूषण को इतना बढ़ा दिया था कि स्वास्थ्य के साथ-साथ आमजन को भी परेशानी होने लगी थी। दीपावली के बाद से प्रदूषण अपने एक्यूआई 350 के आसपास रह रहा था। प्रशासन ने भी प्रदूषण के इस स्तर को देखते हुए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा शहर की सड़कों पर पानी का छिडकाव करवाया जा रहा था ताकि हवा में धूल कण न उड़ें। बावजूद इसके मंगलवार को प्रदूषण का स्तर 368 तक पहुंच गया था। जिससे आंखों में जलन और सांस के मरीजों को भी परेशानी होने लगी थी। मंगलवार को दोपहर बाद आए मौसम में बदलाव से ठंडी हवाएं चली और कई जगह बूंदाबांदी भी हुई। जिससे आसमान साफ हो गया और बुधवार को एक्यूआई 211 पर पहुंच गया। बुधवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहा। जबकि हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटा और मौसम में आद्रता 57 प्रतिशत रही।
पिछले एक सप्ताह से प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ गया था कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। खासकर अस्थमा रोगियों के लिए तो बहुत बड़ी मुसीबत बन गया था। दिवाली की रात को चले पटाखों के कारण एक्यूआई 400 से पार भी पहुंच गया था। मंगलवार शाम को हुई बारिश ने वायुमंडल में फैले जहरीले तत्वों को धो दिया है। इससे प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया। प्रदूषण का स्तर कम होने से लोगों ने काफी राहत महसूस की है। प्रदूषण के कारण जो लोग सुबह व शाम को सैर करना बंद कर गए थे, वह बुधवार सुबह सैर करते देखे गए। नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि बुधवार को प्रदूषण का स्तर कम रहने से आमजन को राहत मिली है। अभी भी उन्होंने सांस, एलर्जी के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अलावा घर पर ही रहकर प्रतिदिन योगाभ्यास करें और अपनी इम्युनिटी को बढ़ाएं।
मौसम गेहूं व सरसों फसल बोने के लिए अनुकूल
गांव पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि 12 नवंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। यह मौसम गेहूं व सरसों फसल के लिए अनुकूल है। किसान प्रमाणित बीजों का प्रयोग करते हुए गेहूं व सरसों फसल को बोएं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS