किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- अन्न को तिजोरी मे बंद नहीं होने देंगे

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- अन्न को तिजोरी मे बंद नहीं होने देंगे
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टिकैत मंगलवार को पिहोवा के गांव गुमथला गढू की अनाज मंडी में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। महापंचायत मे राकेश टिकैत केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ खूब गरजे। इस मौके पर उनके साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, उपप्रधान व कंडेला खाप के अध्यक्ष टेकराम कंडेला, हरेंद्र लखोवाल सहित अन्य वरिष्ठ किसान नेता मौजूद रहे।

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वे रोटी को बाजार की वस्तु नहीं बनने देंगे और अन्न को तिजोरी में बंद नहीं होने देंगे। केंद्र सरकार द्वारा जो तीन कृषि कानून बनाए गए हैं। इससे ऐसा समय आ जाएगा कि गरीब तो क्या बंदर भी भूखा मरेगा।

राकेश टिकैत मंगलवार को पिहोवा के गांव गुमथला गढू की अनाज मंडी में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। महापंचायत मे राकेश टिकैत केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ खूब गरजे। इस मौके पर उनके साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, उपप्रधान व कंडेला खाप के अध्यक्ष टेकराम कंडेला, हरेंद्र लखोवाल सहित अन्य वरिष्ठ किसान नेता मौजूद रहे। राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि कुरुक्षेत्र की धरती क्रांति की धरती रही है और अब फिर क्रांति लाने का समय है। 77 दिनों से देश का अन्नदाता दिल्ली के बोर्डर पर बैठा है लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। बल्कि 26 जनवरी की घटना को लेकर किसानों का मनोबल कम करने का काम किया गया। अब किसान आंदोलन को छोटे किसान व बडे किसानों के नाम पर तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार कि किसी बात में न आएं व एकजुट होकर अपनी लड़ाई को लड़ें।

ब एमपी, एमएलए की सेलरी 500 गुना बढ़ी तो किसान की क्यों नहीं?

राकेश टिकैत ने मंच से सरकार पर वार करते हुए कहा कि जब एमपी व एमएलए की तनख्वाह 500 गुना तक बढ़ चुकी है तो किसानों की क्यों नहीं बढ़ाई गई। आज किसान जो इतना कर्जदार हो गया है इसकी दोषी सिर्फ सरकारें हैं। अब किसान के जागने का समय आ चुका है अब किसान अपना हक लेकर रहेगा।

बोले, दिल्ली में संख्या कम हो गई, इसे बढ़ाओ

राकेश टिकैत ने मंच से ही किसानों से आग्रह किया कि दिल्ली में किसानों की संख्या घट गई है, इसलिए सभी किसान दिल्ली मेंं हाजरी लगवाएं। जो ट्रेक्टर 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे वे ट्रेक्टर वापिस आ गए हैं। अब किसानों को अपने खेतों में भी ड्यूटी देनी है और दिल्ली में भी डयूटी देनी है। उन्होंने कहा कि किसानों का एक पैर अपने खेत में व एक पैर दिल्ली के बॉर्डर पर होना चाहिए। सभी गांवों में ड्यूटियां लगाई जाएं ताकि ज्यादा संख्या में किसान दिल्ली जा सकें।

चंदा मांगने आएंगें, नहीं देना कुछ

राकेश टिकैत ने बातों बातों में कहा कि बहुत लोग आपके पास चंदा मांगने के लिए आएंगें लेकिन किसी को भी चंदा नही देना है। टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन लस्सी, दाल व रोटी का आंदोलन है। किसानों ने सिर्फ आंदोलन के लिए व्यवस्था बना कर रखनी है।

अगला टारगेट 40 लाख ट्रैक्टरों का रहेगा

राकेश टिकैत ने दावा किया कि 26 जनवरी को 3 से 4 लाख ट्रैक्टर पूरे देश से ट्रेक्टर परेड में शामिल होने के लिए दिल्ली में गए थे। अगला टारगेट 40 लाख ट्रैक्टरों का रहेगा। उन्होने कहा कि वे पूरे देश में जाएंगे और आंदोलन को खड़ा करने का काम करेंगें। हरियाणा के बाद वे राजस्थान, महाराष्ट्र व कर्नाटक जाएंगे।

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