राकेश टिकैत बोले -चाहे खड़ी फसलों में आग लगानी पड़े परंतु आंदोलन खत्म नहीं होगा

राकेश टिकैत बोले -चाहे खड़ी फसलों में आग लगानी पड़े परंतु आंदोलन खत्म नहीं होगा
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टिकैत ने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए कुछ उद्योग पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार किसानों के अनाज को तिजोरी में बंद करना चाहती है। रोटी को तिजोरी में बंद करना चाहती है।

बरवाला ( हिसार)

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जिले के दो गांवों खरक पुनिया तथा बालसमंद में संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत में भाग लिया। टिकैत ने गांव खरक पुनिया में उपस्थित हजारों किसानों व मजदूरों से कहा कि जब तक कानून वापसी नहीं तब तक किसान की घर वापसी नहीं होगी। एमएसपी पर कानून बनाने और तीन कानून जब तक वापस नहीं होते किसान घर वापस नहीं लौटेगा। टिकैत ने कहा कि सरकार कह रही है कि दो माह में अपने आप आंदोलन खत्म हो जाएगा। किसान तो फसल काटने के लिए गांव चला जाएगा। परंतु सरकार किसी वहम में नहीं रहे। किसान को चाहे अपनी खड़ी फसलों में आग लगानी पड़े। एक फसल की कुर्बानी देनी पड़े परंतु आंदोलन समाप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसान सरकार को एक भी दाना नहीं देंगे और खड़ी फसल में आग लगा देंगे।

अबकी बार हल क्रांति होगी

राकेश टिकैत बोले कि 40 लाख ट्रैक्टर पूरे देश में जाएंगे। यह ट्रैक्टर भी वही है और किसान भी वही है और फिर किसान दिल्ली जाएगा। अबकी बार हल क्रांति होगी। किसान अपने सभी कृषि औजारों के साथ दिल्ली जाएगा। अभी तो लाठी ही दिखाई थी। लेकिन सरकार यह नहीं जानती कि किसान की इस लाठी पर और भी बहुत कुछ लगता है। टिकैत ने कहा कि सरकार को शर्म आनी चाहिए कुछ उद्योग पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार किसानों के अनाज को तिजोरी में बंद करना चाहती है। रोटी को तिजोरी में बंद करना चाहती है। सरकार की नीति ऐसी है कि आने वाले समय में कुत्ते भी भूखे मरेंगे। उन्होंने कहा कि ना तो पंच बदला है और ना ही मंच बदला है पंच भी वही है और मंच भी वही है फैसला करने वाले 40 पंच भी वही हैं।

अब पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात और बंगाल में भी पंचायतें होंगी

किसानों के फैसले किसान सब खुद करेंगे। टिकैत ने कहा कि हरियाणा में पंचायतों के बाद अब पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात और बंगाल में भी पंचायतें होंगी। बंगाल में भी ट्रैक्टरों का जत्था पहुंचेगा और वहां इनका सफाया कर देंगे। पंजाब विशेषकर सरदारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इतने मजबूत आदमी तो हमें आज तक नहीं मिले। सरदार मजबूत आदमी हैं लंगर की सेवा ऐसी करते हैं कि कोई कर नहीं सकता। यह सब हमारे भाई हैं परंतु सरकार हमें बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरदार के नाम पर फिर पंजाब के नाम पर और अब एक कौम के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। जाट आरक्षण के दौरान भी ऐसा ही किया गया अबकी बार सभी बिरादरी आ इकट्ठा मिलकर लड़ रही है। अबकी बार कोई विशेष बिरादरी नहीं बल्कि सिर्फ किसान बिरादरी है। राकेश टिकैत ने कहा कि यह लड़ाई किसान के साथ मजदूर की भी लड़ाई है अगर कोई कर्मचारी कोई पोस्ट डाल देता है तो उसकी नौकरी से हटा दिया जाता है। हम कर्मचारी की भी लड़ाई लड़ेंगे। आज पुलिस का भी शोषण हो रहा है। यह लड़ाई महंगाई के खिलाफ है आज कर्मचारी की पेंशन खत्म की जा रही है परंतु नेताओं की चार चार पेंशन लगी हुई है पहले उनकी पेंशन खत्म करो। यह जो 40 लोगों का मोर्चा बना है यह सभी लोगों की लड़ाई लड़ेगा और सबको इसमें साथ देना होगा।

22 फरवरी से राजस्थान का दौरा शुरू

उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति के खिलाफ हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश के किसान भी खड़े हो गए हैं। अब 22 फरवरी से राजस्थान का दौरा शुरू कर रहे हैं। इसके बाद एमपी और छत्तीसगढ़ की जाएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि हल क्रांति के लिए किसान अपना सभी कृषि औजार तेल पानी लगाकर तैयार रखें लाठी पर कुछ और भी लगवा कर रखें। हम कुछ कहना नहीं चाहते लेकिन फिर भी हमारी बात को गलत मतलब निकाल लिया जाता है। इसलिए ट्रैक्टर में तेल डलवा कर रखना कभी भी दिल्ली कूच का ऐलान हो जाएगा। तुरंत बताया जाएगा पहले नहीं बताया जाएगा। इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की आज हमारा रोजगार छीना जा रहा है। आज खेती घाटे का सौदा हो गई है। किसान कर्ज तले दबकर आत्महत्या कर रहे हैं। यह कानून लागू हुए तो फसलें मनमाने दामों पर खरीदी जाएंगी। किसान जमीन बेचने पर विवश हो जाएगा तो पड़ोसी भी नहीं खरीदेगा फिर यही जमीन कंपनियां खरीदेंगे और कंपनियां ही खेती करेंगे। किसान को मजदूर की हैसियत से काम करना पड़ेगा।

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