नियम 134 A खत्म करने पर रणदीप सिंह सुरजेवाला का सरकार पर हमला, फैसला तुरंत वापस हो

नियम 134 A खत्म करने पर रणदीप सिंह सुरजेवाला का सरकार पर हमला, फैसला तुरंत वापस हो
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मुख्यमंत्री से सीधा सवाल पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार गरीब परिवारों के मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि नियम 134 A प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिए एक उम्मीद थी कि वे पैसे ना होने के बावजूद भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सकेंगे।

हरियाणा सरकार (Haryana Government) द्वारा स्कूलों के लिए नियम 134 A खत्म करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने इस गरीब विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

सुरजेवाला ने कहा कि नियम 134 A खत्म करके खट्टर-चौटाला सरकार ने हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों से उनके बच्चों को प्रदेश के सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करवाने का सपना तोड़ दिया है और इस नियम के अंतर्गत स्कूलों में हर कक्षा में पहले से पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में डाल दिया है। गरीब के पास अपनी किस्मत बदलने के लिए एक ही उम्मीद ही होती है कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर परिवार के लिए गरीबी की बेड़ियां तोड़ते हुए समाज व देश को आगे बढ़ाएगा। उसके लिए वो दिन-रात मेहनत करते हुए अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देना चाहता है। लेकिन आज इस असंवेदनशील सरकार ने गरीबों की वो उम्मीद भी छीन ली है।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश में नियम 134 A के अंतर्गत आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के गरीब गुणवान छात्रों एवं गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणियों से संबंधित मेधावी छात्रों के लिए प्रदेश के विभिन्न मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में दो लाख से ज्यादा सीटें उपलब्ध थी, जिनपर वो निजी विद्यालय इन छात्रों से सरकारी विद्यालयों के समान दर पर फीस लेते हुए शिक्षा देने के लिए बाध्य थे। लेकिन इस सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 19 जून, 2013 को अधिसूचित नियम 134 A रद्द कर दिया, जिससे हर वर्ष दो लाख से ज्यादा गरीब गुणवान छात्र अपने शहरों के सबसे अच्छे स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर सकते थे। इसके साथ ही इस नियम के खत्म से पहले से ही शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं से निजी विद्यालय अन्य छात्रों के समान फीस वसूलने का दबाव बनाएंगे। लेकिन वे छात्र ना तो वो फीस दे पाएंगे, ना ही किसी दूसरे अच्छे विद्यालय में उनका दाखिला होगा, जिससे अब ऐसे दाखिले की उम्मीद करने वाले और पहले से शिक्षा ग्रहण कर रहे लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

मुख्यमंत्री से सीधा सवाल पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार गरीब परिवारों के मेधावी बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि नियम 134 A प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों के लिए एक उम्मीद थी कि वे पैसे ना होने के बावजूद भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सकेंगे। जिन माता पिता की सालाना आय 2 लाख रुपये से कम थी वो अपने बच्चों का दाखिला 134 A के तहत एक एंट्रेंस टेस्ट देकर लगभग निशुल्क प्राइवेट स्कूल में करवा सकते थे। यह सरकार अपनी गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों को तो पहले ही गर्त में डाल चुकी है और अब 134A को खत्म करके गरीब बच्चों का आखिरी रास्ता भी बंद किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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