रणदीप सुरजेवाला की सुरक्षा का मामला : जस्टिस विनोद भारद्वाज ने सुनवाई से किया इंकार, मामला अन्य बेंच को भेजा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हरियाणा के पूर्व मंत्री रणदीप सुरजेवाला की सुरक्षा की मांग की याचिका व हरियाणा सरकार की दोहरी सुरक्षा के खिलाफ हरियाणा सरकार की एक अर्जी पर हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद भारद्वाज ने सुनवाई से इंकार करते हुए मामला अन्य बेंच को रेफर के लिए चीफ जस्टिस को भेज दिया है। इससे पहले केंद्र ने इस मामले में अपना जवाब दायर कर कहा था कि केंद्र सरकार ने रणदीप सुरजेवाला को सेंटर प्रोटेक्टी लिस्ट में रखा है। रणदीप दिल्ली में रहेंगे। उनको केंद्र सरकार की सुरक्षा मिलेगी। जब वह हरियाणा में होंगे तो हरियाणा सरकार उनको सुरक्षा उपलब्ध करवाएगी।
केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि रणदीप को दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के मिलाकर 22 सुरक्षाकर्मी मिले हैं, जो गलत है। केंद्र सरकार ने कहा कि प्रावधान यह है कि जिसको सुरक्षा दी जाती है, वह जिस राज्य में मौजूद होता है, उसे वहां की पुलिस ही सुरक्षा देती है।
केंद्र की ओर से कहा गया है कि सुरजेवाला ज्यादातर दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली पुलिस ही उन्हें सुरक्षा दे रही है। यह किया जा सकता है कि जब सुरजेवाला हरियाणा आए तो दिल्ली पुलिस हरियाणा पुलिस को सूचित कर दे और हरियाणा पुलिस हरियाणा मेंं प्रवेश करते ही उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवा दे।
एक कुख्यात बदमाश सुरेंद्र ग्योंग से सुरजेवाला को अपनी जान का खतरा था। सुरेंद्र ग्योंग अब मारा जा चुका है। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि सुरजेवाला को दिल्ली और हरियाणा में एक तरह से डबल सुरक्षा दी गई है। वाई प्लस श्रेणी के तहत उन्हें 11 सुरक्षाकर्मी मिलने चाहिए, जबकि दिल्ली के 11 और हरियाणा के 11 मिलाकर उनकी सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से उनका पक्ष पूछा था, जिस पर केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि एक व्यक्ति को एक राज्य में एक ही सुरक्षा दी जा सकती है। प्रावधान के अनुसार जिस व्यक्ति को जिस श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है उसे उसी राज्य की पुलिस सुरक्षा देती है।
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