जांच में खामियों के कारण रेप का आरोपी बरी : केस की जांच अधिकारी, थानेदार व सरकारी वकील पर कार्रवाई के आदेश

पानीपत। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनदीप मित्तल की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पानीपत के मॉडल टाउन थाना क्षेत्र स्थित एक महिला से दुष्कर्म करने व मकान से 45 हजार रुपये चोरी करने के अपराध में गिरफ्तार आरोपी प्रमोद को बरी कर दिया है। वहीं न्यायाधीश ने हरियाणा पुलिस के महानिदेशक, पानीपत डीसी सुशील, एसपी पानीपत शशांक सावन को आदेश देते हुए मजबूत तथ्यों को इकट्ठा किए बगैर ही युवक को गिरफ्तार करने वाली जांच अधिकारी एएसआई सुदर्शना और तत्कालीन एसएचओ सुनील कुमार थाना माडल टाऊन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। वहीं निदेशक अभियोजन, हरियाणा को सरकारी वकील के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि मॉडल टाउन थाना पुलिस को 16 जुलाई 2020 को एक महिला ने शिकायत दी थी कि वह 15 जुलाई की रात छत पर बने कमरे में सो रही थी, उसके पति नीचे थे। रात को अज्ञात युवक आया, जिसने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने शोर मचाया तो आरोपी बेड के गद्दे के नीचे रखे 45 हजार रुपये चोरी कर फरार हो गया। जिस मामले में मॉडल टाउन थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ 376,452 और 380 के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने जांच की तो महिला के घर से एक फोन बरामद हुआ था, जिस आधार पर पुलिस ने महिला के पड़ोसी प्रमोद को सात दिसंबर 2020 गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। जिस मामले में अब न्यायाधीश ने ठोस तथ्य न मिलने पर प्रमोद को बरी कर दिया, वहीं जांच अधिकारी एएसआई सुदर्शना, तत्कालीन मॉडल टाउन थाना प्रभारी सुनील कुमार और सरकारी वकील के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए है।
वहीं, शिकायत करने वाली महिला के घर से मिले जिस फोन के आधार पर आईओ ने प्रमोद को गिरफ्तार किया था, उस फोन में मिला सिम कार्ड यूपी के हरदोई स्थित तेखा कुटाली निवासी नंदकिशोर पुत्र रामचंद के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने नंदकिशोर को तफ्तीश जांच में शामिल नहीं किया, सिर्फ प्रमोद तक सीमित रही। पुलिस ने रजिस्टर्ड युवक के नाम की सिम कार्ड वाली फाइल निकलवाई तो उस पर लगी फोटो और वोटर कार्ड की फोटो को भी नंदकिशोर की बजाय प्रमोद को समझा गया। वहीं, जांच अधिकारी ने प्रमोद के खिलाफ जो रिपोर्ट तैयार की है और जो तथ्य इकट्ठा किए हैं, क्या वह असल में गिरफ्तार युवक और घटना से मेल खाते हैं, लेकिन एसएचओ ने जल्दबाजी में उसी पर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश कर दी।
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