हरियाणा में बड़ा फैसला : नाबालिग बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने वाले चार दोषियों को फांसी की सजा

- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट सुरूचि अतरेजा सिंह की अदालत ने सुनाई सजा
- सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद आरोपितों ने दोनों बहनों को पिला दिया था कीटनाशक
- आरोपितों ने दोनों बहनों के साथ उसकी मां के सामने दिया था वारदात को अंजाम
- वारदात से 15 दिन पहले ही किराए पर बेटे व बेटियों के साथ रहने आई थी महिला
हरिभूमि न्यूज. सोनीपत। कुंडली थाना क्षेत्र में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म करने व उन्हें जहरीला पदार्थ पिलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने चार आरोपितों को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों दोषियों पर 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। अदालत ने दो साल एक माह व 10 दिन में फैसला सुनाते हुए बहुचर्चित मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों को फांसी की सजा सुनाते हुए उनके अपराध को नृशंस करार देते उनके लिए मृत्युदंड को उपयुक्त बताया।
यह था मामला
मूलरूप से बिहार की रहने वाली महिला ने 9 अगस्त 2021 को कुंडली थाना पुलिस को बताया था कि वह अपनी दो बेटियों व तीन बेटों के साथ कुंडली थाना क्षेत्र के गांव में किराए पर रहती हैं। उसने सबसे बड़ी बेटी व बेटे की शादी कर रखी है। जहां वह किराए पर रहते हैं उसी परिसर में अलग कमरे में बिहार के चार अन्य युवक भी रहते थे। विधवा 5 अगस्त, 2021 की रात को कमरे में अपनी 13 व 15 साल की बेटियों के साथ सो रही थी। उसके बेटे छत पर सो रहे थे। देर रात करीब 12 बजे चार युवक मूलरूप से बिहार के जिला दरभंगा के गांव मजगाही निवासी अरुण पंडित, गांव मसहोरी निवासी फूलचंद, झकेली निवासी दुखन पंडित और समस्तीपुर के गांव बाड़ा निवासी रामसुहाग कमरे में घुस गए थे। उन्होंने कमरे में उसकी बेटियों को दबोच लिया था। अरुण व फूलचंद सदा ने बड़ी बेटी व दुखन पंडित तथा राम सुहाग ने छोटी बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया था। विरोध करने पर बाद में दोनों बेटियों को कमरे में रखा कीटनाशक पिला दिया था। जिससे उनकी हालत बिगड़ गई थी। आरोपितों ने महिला को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को इस बारे में कुछ बताया तो वह उसके बेटों को मार देंगे। बेटों को मारने की धमकी के चलते महिला डरकर चुप रही थी। वह बेटियों को लेकर छत पर चली गई थी। तड़के चार बजे तक दोनों बहन छत पर तड़पती रही। फिर जब उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी तो दोनों को दिल्ली के नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी मौत हो गई थी। कुंडली थाना पुलिस के सामने महिला ने सर्पदंश से बेटियों की मौत होने की बात कही थी। जिस पर दिल्ली में दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट मिलने पर पुलिस को पता था कि लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। साथ ही उन्हें कोई कीटनाशक पिलाया गया है। तब तत्कालीन थाना प्रभारी रवि की टीम में शामिल जांच अधिकारी उषा मलिक ने महिला से पूछताछ की थी तो सच्चाई का पता लगा था। जिस पर पुलिस ने चारों आरोपित अरुण, फूलचंद, दुखन पंडित और राम सुहाग के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में सुनवाई के बाद एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने चारों आरोपितों को दोषी करार दिया। चारों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
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