किसानों और डीलर में रार : खाद विक्रेता किसानों को थमा रहे लिक्विड नैनो यूरिया की बोतल

किसानों और डीलर में रार : खाद विक्रेता किसानों को थमा रहे लिक्विड नैनो यूरिया की बोतल
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किसान डीलर से नैनो यूरिया की गुणवत्ता लेकर सवाल पर सवाल करते हुए कह रहे हैं कि अगर फसल की पैदावार पूरी नहीं हुई तो नुकसान की भरपाई कौन करेगा। जब भरपाई का सवाल आता है ताे डीलर भी अपना हाथ पीछे खींच लेता है।

अमरजीत एस गिल/रोहतक। जिले में सोमवार शाम को 3900 मीट्रिक टन से अधिक दानेदार यूरिया का स्टॉक उपलब्ध था। ऐसे में खाद की कमी नहीं कही जा सकती है। यूरिया को लेकर बीते दो-चार दिन से डीलर और किसानों के बीच रार जारी है। इसकी वजह है नैनो यूरिया की एक छोटी सी बोतल है। डीलर इस बोतल बेचने के लिए किसानों की ओर हाथ बढ़ा रहे हैं और किसानों की इसे खरीदने में दिलचस्पी कतई नहीं है। किसान डीलर से नैनो यूरिया की गुणवत्ता लेकर सवाल पर सवाल करते हुए कह रहे हैं कि अगर फसल की पैदावार पूरी नहीं हुई तो नुकसान की भरपाई कौन करेगा। जब भरपाई का सवाल आता है ताे डीलर भी अपना हाथ पीछे खींच लेता है।

वर्ष 1960-70 के दशक में किसान डीएपी, यूरिया और कीटनाशकों से अनभिज्ञ था और देश भी अन्न उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं था। सरकार ही उपरोक्त तीनों चीजों को किसानों के बीच लेकर गई। कई साल तक कृषि वैज्ञानिक अन्नदाता को यह समझाते रहे कि ये चीजें डालने से फसलों का उत्पादन बढ़ेगा। किसानों ने स्वीकार किया और अच्छी गुणवत्ता के बीज, डीएपी-यूरिया और कीटनाशकों का प्रयोग करना शुरू किया। जिसके परिणाम स्वरूप देश अन्न उत्पादन के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि इतना सरप्लस कर दिया कि देश में अनाज सुरक्षित रखने के लिए गोदाम छोटे पड़ गए। लेकिन अब सरकार पिछले लगभग एक दशक से उलटा जोर लगा रही है कि किसान बिना रसायनों का प्रयोग करे ही प्राकृतिक खेती करें। जोकि वर्तमान में किसान की माली हालात को देखते हुए संभव नहीं है। अगर किसान ने सरकार के कहे मुताबिक प्राकृतिक खेती की तो उसके परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

कीमत 225 रुपये

इफ्को ने अब दानेदार यूरिया का विकल्प नैनो यूरिया तैयार किया है। जिसकी एक बोतल की कीमत 225 रुपये है। जबकि यूरिया का रेट 266 रुपये 50 पैसे है। जैसे दानेदार यूरिया को फसल में बिखेरना पड़ता है, ठीक उसी तरह ही नैनो यूरिया लिक्विड का स्प्रे करना होता है। लेकिन लिक्विड यूरिया का किसान फसल में स्प्रे करने को राजी नहीं हैं। जिसकी वजह से खाद विक्रेताओं और किसानों के बीच कई दिन से रार बनी हुई है।

यह कंपनी का दावा

खाद निर्माता कंपनी इफ्को का दावा है कि नैनो यूरिया लिक्विड को पौधों के पोषण के लिये प्रभावी है। यह बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ उत्‍पादन बढ़ाने में भी सक्षम है। फसलों का स्वस्थ बेहतर बनाता है। स्प्रे फसलों को बीमारियों से बचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नैनो का स्प्रे 2-4 एमएल प्रति लीटर पानी (या 250 मिली / एकड़ 125 लीटर पानी में) के घोल का खड़ी फसल में करें।

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