खेतों में मिलीं दुर्लभ किस्म की ईंटें, दूर- दूर से देखने पहुंच रहे हैं लोग

राज कुमार बड़ाला : महम
रोहतक जिले (Rohtak District) के निंदाना गांव के खेतों में खुदाई करते समय एक किसान (Farmer) को दुर्लभ किस्म की ईंटें मिली हैं। इन ईंटों का वजन करीब 17 से 18 किलोग्राम है। ईंटों (Bricks) की लंबाई साढे 15 इंच है। जबकि मोटाई चार इंच है। ईंटों की चौड़ाई साढ़े दस इंच है। इन ईंटों को देखने के लिए दूर- दूर से लोग पहुंच रहे हैं। इन ईंटों के ऊपर बीच में तीन लाइनें लगी हुई हैं। जो थोड़ी गहरी हैं। इन ईंटों की बनावट वर्तमान युग से अलग है। ग्रामीण अनुमान लगा रहे हैं कि ये ईंटे हजारों साल पुरानी हो सकती हैं। लेकिन यह तो शोध का विषय है और पुरातत्ववेत्ता ही कार्बन डेटिंग के हिसाब से गणना करके बता सकते हैं कि ये कितने वर्ष पुरानी हैं।
निंदाना तिगरी गांव निवासी सुरेंद्र पुत्र रामकिशन का खेत निंदाना महम मार्ग पर स्थित है। सुरेंद्र ने ईंट भट्ठा चलाने वाले एक व्यक्ति को अपने खेत की मिट्टी उठाने को दे दी थी। ठेकेदार ने खेत की डेढ़ फुट नीचे तक खुदाई करवाई। इस दौरान डेढ़ फुट नीचे ट्रैक्टर के फालों में पक्की ईंटें फंस गई। और खुदाई की तो वहां पर काफी संख्या में दुर्लभ किस्म की प्राचीन ईंटें निकली। जिनकी लंबाई, चौड़ाई, मोटाई और वजन को देखकर लोग दंग रह गए। खुदाई के दौरान बहुत सी ईंटें तो टूट गई। जबकि चार पांच ईंटें अब भी सुरक्षित हैं।
ये ईंटें पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई हैं और लोग इन्हें देखने के लिए आ रहे हैं। किसान सुरेंद्र एक ईंट घर पर भी लेकर आया है। जिसका कभी लोग वजन करते हैं तो कभी इसकी लंबाई चौड़ाई माप रहे हैं। ग्रामीण ईंट को हाथ में उठाकर भी देखते हैं। सब यही कह रहे हें कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी बड़ी ईंट नहीं देखी। ये ईंटें निकलने के पीछे यह बात भी चल पड़ी है कि जहां पर ये ईंटें निकली हैं, वहां पर किसी काल में बस्ती होती थी। यदि पुरातत्व विभाग इन ईंटों को अपने कब्जे में लेकर इनकी जांच करे तो इस क्षेत्र में किसी कालक्रम में मनुष्य के जीवन से जुड़े इतिहास की परतें खुल सकती हैं।
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