'खट‍्टे सोने' के दाम ने तोड़ा रिकार्ड : शिकंजी पीना तो दूर नजर उतारने के लिए भी जेब ढीली कर रहा नींबू

खट‍्टे सोने के दाम ने तोड़ा रिकार्ड : शिकंजी पीना तो दूर नजर उतारने के लिए भी जेब ढीली कर रहा नींबू
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दुकानों की नजर उतारने वाले नींबू और मिर्च को खुद महंगाई की नजर लग गई है। आलम इतना बिगड़ चुका है कि नींबू की आममान छूती कीमतों ने शिकंजी पीना तो दूर नींबू को नजर उतारने लायक नहीं छोड़ा।

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

दुकानों की नजर उतारने वाले नींबू और मिर्च को खुद महंगाई की नजर लग गई है। आलम इतना बिगड़ चुका है कि नींबू की आममान छूती कीमतों ने शिकंजी पीना तो दूर नींबू को नजर उतारने लायक नहीं छोड़ा। दुकानों के शटर पर लगने वाले नींबू की हालात इतनी खराब हो गई है कि वो सिकुड़कर अपने आप टूटना शुरू हो चुका है। नींब मिर्च लगाने का कार्य करने वाले लोग जब से नींबू मिर्च के दाम बढ़े हैं तभी से दिखाई देना बंद हो गए हैं।

इसका कारण यह है कि 250 से 300 रुपये तक बिकने वाला नींबू तथा 80 से 100 रुपये किलो बिकने वाली मिर्च ने उनके कार्य पर ब्रेक लगा दिए हैं। एक नींबू तथा सात मिर्च धागे में बांधकर दुकानों के बाहर लगाने पर फिलहाल 25 से 30 रुपये खर्चा आ रहा है तथा अगर बांधने वाला व्यक्ति दुकानदार से 40 रुपये मांगता है तो दुकानदार की आंख टमाटर की तरह लाल हो रही है तो ऐसे में इस काम से दूरी बनाना ही उचित समझा है। दूसरी तरफ शहर में पहले आम रेहड़ियों पर बिकने वाला नींबू फिलहाल कुछ ही चुनिंदा दुकानों पर मिल रहा है। इसका कारण यह है कि अगर खरीदे गए नींबू नहीं बिके तो रेहड़ी वालों काे अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ रेहड़ी वाले गली- गली जाकर सब्जियां बेचते हैं( उनसे सब्जी लेने के बाद जब महिलाएं मिर्च मांग रही हैं तो रेहड़ी वाले एक ही बात कह रहे हैं कि बहन जी मिर्च तो है हीं नहीं या फिर आपको मिर्च अलग से खरीदनी पड़ेगी।

नींबू ने बिगाड़ा बजट

अब तक पेट्रोल-डीजल सहित अन्य खाद्य पदार्थों कीमतों की बात हो रही थी लेकिन अब नजर उतारने वाले नींबू को नजर लग गई है। गृहणियों ने बताया कि रसोई से नींबू गायब हो चुका है अगर नींबू खरीदना पड़ रहा है तो उससे बजट बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नींबू ने कीमतों के मामले में फलों को भी पीछे छोड़ दिया है। इसकी कीमत 250 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। बढ़ते तापमान के बीच देश में नींबू की डिमांड काफी बढ़ गई है। लेकिन नींबू की आवक कम है। एक विक्रेता ने कहा कि गर्मियों में नींबू की खपत ज्यादा होती है और माल के कम आने से इसके दाम बढ़ रहे हैं।

शहर में नहीं दिख रही शिकंजी की रेहड़ी

जब भी शहर में गर्मी बढ़ती है तो दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोग शिकंजी की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। इस बार नींबू की बढ़ती महंगाई के चलते पारा 40 डिग्री पार होने के बावजूद शहर में एक भी शिकंजी के रेहड़ी नहीं दिखाई दे रही है। जिससे लोगों ने भी पूछना शुरू कर दिया है कि शिकंजी की रेहड़ी लगाने वाले कब तक आएंगे।

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