गरीबों को मिलने वाला सरसों तेल डकार गए राशन डिपो होल्डर

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
कोरोना की दूसरी लहर में बुरी तरह प्रभावित हुए गरीबों को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से वितरित किए जा रहे राशन में एक बार फिर अधिकारियों के साथ मिलकर डिपो होल्डर ने डाका डालने का काम किया। जांच से बचने के लिए गरीबों को सड़ा हुआ गेहूं परसोने के साथ ही उन्हें मिलने वाला सरसों का तेल ही डकार गए। एक-दो नहीं, बल्कि एक दर्जन से ज्यादा डिपो होल्डर ने इस माह कई गरीब परिवारों को सरसों का तेल नहीं दिया। एक डिपो होल्डर ने तो महंगा होने के कारण सरसों का तेल देने की बजाए उसकी कम कीमत लगाकर नकद पैसे देने की पेशकश की। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के पास पिछले कुछ दिनों से इस तरह की शिकायतें लगातार पहुंच रही, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बजाए इन शिकायतों को ही दबा दिया।
दरअसल, एक बीपीएल परिवार को सरकार की तरफ से हर माह मात्र 40 रुपए में दो लीटर सरसों का तेल दिया जाता है। बाजार में दो लीटर सरसों के तेल की कीमत 330 रुपए हैं। ऐसे में इस बार सरसों के तेल को लेकर डिपो होल्डर ने कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर बड़ा खेल खेला। कुछ जगह तो सरसों का तेल दिया गया, लेकिन काफी जगह अंगूठा लगवाने के बाद गेहूं, बाजरा, चीनी तो दी गई, लेकिन सरसों का तेल नहीं होने की बात कहकर अगले माह देने की बात की, जबकि हकीकत यह है कि अंगूठा लगवाने के बाद डिपो होल्डर ने सरसों का तेल तो चढ़ा दिया, लेकिन उन्हें देने की बजाए उसे मार्केट में बेचने का काम किया।
सरसों का तेल देने से कर दिया इंकार
बास सिताबराय निवासी जितेन्द्र, खटीकान मोहल्ला निवासी मोनू ने बताया कि दो दिन डिपो खोलने के बाद बंद हो गया, जब डिपो होल्डर से बात की गई तो पहले तो राशन ही देने से इंकार कर दिया, लेकिन जब शिकायत करने की बात की तो डिपो होल्डर ने किसी अन्य डिपो से उन्हें चीनी, गेहूं व बाजरा तो दिला दिया, लेकिन सरसों का तेल यह कहकर देने से मना कर दिया कि आगे से ही कम तेल आया है, जबकि मशीन में अंगूठा लगवाकर सरसों का तेल चढ़ा दिया गया। कुछ इसी प्रकार शहर के मोहल्ला संघी का बास, अजय नगर, बल्लूवाड़ा, छीपटवाड़ा, उत्तम नगर, विजय नगर, रामसिंहपुरा, नई आबादी, नई बस्ती सहित शहर के विभिन्न इलाकों में बहुत से लोगों को इस बार सरसों का तेल नहीं मिला है।
तेल के बदले पैसे देने की पेशकश
शहर के अजय नगर में तो डिपो होल्डर ने इतनी सफाई से गरीब परिवारों की गर्दन पर कैंची चलाने की कोशिश की, जैसे वह गरीबों की भलाई के लिए खुद अपनी जेब से ही खर्च कर रहा हो। आरोप है कि डिपो होल्डर ने गरीब परिवारों को दो लीटर सरसों का तेल देने की बजाए 200-200 रुपए देने की पेशकश की। उसका कहना था कि सरसों का तेल उसे मिला ही नहीं। जबकि हकीकत यह है कि एक गरीब परिवार का 330 रुपए का दो लीटर सरसों तेल चालाकी से गायब कर दिया गया।
दो दिन बांटकर बंद कर दिए डिपो
कोरोना के चलते राशन डिपो पर किसी तरह की भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए प्रशासन की तरफ से सभी डिपो होल्डर को पूरे माह राशन डिपो की दुकान खोलने के आदेश दिए थे, जिससे गरीब परिवार सोशल डिस्टेंस बनाकर राशन खरीद सके, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश डिपो होल्डर ने दो दिन डिपो खोलने के बाद राशन की दुकाने बंद कर दी। जबकि बहुत से ऐसे लोग है, जो राशन के लिए अब डिपो होल्डर के यहां चक्कर काट रहे है।
किसी को नहीं दी रसीद
राशन वितरित करते समय हर परिवार को डिपो होल्डर द्वारा रसीद देना अनिवार्य है। यह रसीद मशीन में अंगूठा लगाने के बाद निकलती, लेकिन इस बार डिपो होल्डरों ने किसी भी उपभोक्ता को रसीद नहीं दी। डिपो होल्डर से जब कुछ ग्राहकों ने बात की तो डिपो होल्डर ने साफ कर दिया कि उन्हें विभाग की तरफ से ही पेपर रोल नहीं मिले है। जबकि विभाग का कहना है कि सभी डिपो होल्डर को पहले ही पेपर रोल मुहैया कर दिए गए थे।
गेहूं मामले में चल रही जांच
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाटार किसी से छुपा नहीं है। कुछ दिन पहले ही डीसी के आदेश के बावजूद विभाग के अधिकारियों ने खुले में पड़े गेहूं पर तिरपाल ढंकने का काम नहीं किया, जिसके चलते सैकड़ों गेहूं की बोरियां बरसात में भीग गई। डीसी यशेन्द्र सिंह ने जब इस मामले की जांच के आदेश दिए तो अधिकारियों ने बड़ी चालाकी से इसी गेहूं को जांच शुरू होने से पहले ही राशन डिपो तक पहुंचा दिया। राशन डिपो पर सड़ा गेहूं मिलने की शिकायत के बाद इस मामले की जांच कर रहे एसडीएम रविन्द्र यादव ने कई डिपो पर गेहूं के सैंपल भी लिए है। इस मामले में एक इंस्पेक्टर की भूमिका पूरी तरह कटघरे में है, क्योंकि इसी इंस्पेक्टर पर गेहूं का उठान कराकर डिपो होल्डर तक पहुंचाने का जिम्मा है।
मुझे एक-दो डिपो होल्डर के खिलाफ इस प्रकार की शिकायत मिली है। ऐसे डिपो होल्डर की जांच कराई जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -अशोक कुमार, डीएफएससी रेवाड़ी।
गरीबों के हक पर किसी तरह का डाका नहीं डालने दिया जाएगा। गेहूं भीगने के मामले की जांच चल रही है। अगर किसी भी डिपो पर गरीबों को सरसों का तेल नहीं देने की शिकायत मिली तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर अधिकारियों से जवाब भी मांगा जाएगा। -यशेन्द्र सिंह, डीसी रेवाड़ी।
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