उम्र 60 के पार होते ही राशन डिपो हाेगा रद, कमीशन के बदले लो बुढ़ापा पेंशन

नरेन्द्र वत्स : रेवाड़ी
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से राशन डिपो लेकर गुजारा करने वाले डिपो होल्डर्स के लिए बुरी खबर है। परिवार पहचान पत्र में उम्र 60 के पार होते ही राशन डिपो रद हो जाएगा। इसके बाद विभाग की ओर से किसी और को डिपो अलॉट कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। विभाग की ओर से ऐसे डिपो होल्डरों की पहचान करना शुरू कर दिया है, जो इस उम्र को पार कर चुके हैं या जल्द ही करने वाले हैं।
अभी तक राशन डिपो चलाने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। एक अनुमान के अनुसार रेवाड़ी जिले में इस समय 50 से अधिक ऐसे डिपो धारक हैं, जो 60 की उम्र पार का चुके हैं। नई अधिसूचना के बाद इनके हाथ से डिपो निकलने में सिर्फ विभाग की कार्रवाई का इंतजार है। विभागीय सूत्रों के अनुसार ऐसे डिपो धारकों की पहचान करना शुरू कर दिया गया है, जो तय उम्र सीमा को पार कर चुके हैं या फिर जल्द की पार करने वाले हैं। उनके डिपो रद करने के बाद विभाग की ओर से हिसाब चुकता कर दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित गांव में नए सिरे से डिपो अलॉट करने का कार्य किया जाएगा। इस आयु वर्ग के लोगों को सरकार की ओर से पीपीपी के अनुसार वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पाने का हकदार मान लिया जाता है। नए नियम के अनुसार इससे एक साथ दोहरा लाभ लेने से बचा जा सकेगा।
डिपो छोड़ने को तैयार नहीं पुराने खिलाड़ी
रेवाड़ी जिले में दर्जनों ऐसे डिपो होल्डर हैं, जो वर्षों से डिपो का संचालन कर रहे हैं। इनमें से कई पुराने डिपो होल्डर गरीबों के राशन पर डाका डालने में भी माहिर हो चुके हैं। विभाग के दांव-पेंच यह लोग अच्छी तरह से जान चुके हैं। इनके लिए राशन डिपो मोटी कमाई का धंधा साबित हो रहे हैं। कई पुराने डिपो होल्डर ऐसे हैं, जो छद्म नामों से चार से पांच गांवों के डिपो भी चला रहे हैं। ऐसे डिपो धारक 60 पार होने के बाद भी डिपो छोड़ने के लिए आसानी से तैयार नहीं होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उम्र की समय सीमा पर चुके डिपो होल्डरों ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर डिपो अलॉट कराने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं, ताकि उनके काम में किसी तरह की रुकावट नहीं आए।
मशीनों के रोल बने धांधली का माध्यम
राशन डिपो पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारकों को दिए जाने वाले सामान में होने वाली धांधली पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक प्वांट ऑफ सेल यानि ईपीओएस मशीनों के माध्यम से सामान वितरित कराना शुरू किया था। इन मशीनों से सामान के बाद कार्ड धारक को रसीद दी जाती है। इन मशीनों को रोल डिपो होल्डरों को खाद्य एवं अपूर्ति विभाग की ओर से मुहैया कराए जाते थे। अब विभाग ने रोल खुद खरीदकर उसका पैसा डिपो होल्डरों के कमीशन में शामिल करना शुरू कर दिया है। अधिकांश डिपो होल्डर पीओएस मशीनों के रोल की खरीद ही नहीं कर रहे। यह मशीनें बिना रोल डाले काम नहीं करती, जिस कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली एक बार फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगी है। इससे डिपोधारक फिर से वितरण में गोलमाल कर रहे हैं।
प्रोफेशन वेरीफिकेशन का काम भी शुरू
परिवार पहचान पत्र यानि पीपीपी की खामियों को दूर करने के लिए सरकार ने अब इनमें दर्ज कराए गए व्यवसाय की पहचान कराने का निर्णय लिया है। इसका जिम्मा सरकार ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सौंप दिया है। विभाग की ओर से सभी सेंटरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी है। विभाग की टीमों ने इस कार्य को सिरे चढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया है। पीपीपी में प्रोफेशन सही कराने का मकसद यही है कि इसके माध्यम से मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को ही मिल सके। विभाग की ओर से बावल, कोसली व धारूहेड़ा सेंटरों पर वेरीफिकेशन का कार्य सोमवार से शुरू हो जाएगा।
डिपोधारकों की उम्र पहचान शुरू
सरकार की ओर से डिपो होल्डरों की उम्र सीमा निर्धारित करने के बाद इस बात का पता लगाया जा रहा है कि कितने डिपोधारक 60 की उम्र पार कर चुके हैं या करने वाले हैं। इनके बाद अपात्र डिपो होल्डरों की सप्लाई रोक दी जाएगी। ईपीओएस मशीनों में रोल नहीं डालने वाले डिपो होल्डरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। - अशोक रावत, डीएफएससी, रेवाड़ी
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