Ravana Dahan : बराड़ा में इस बार नहीं जलाया जाएगा 220 फुट का रावण, जानिए कारण

बराड़ा ( अंबाला )
इस बार फिर अंबाला के बराड़ा में दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पर इस बार यहां हर बार की तरह रावण का 220 फुट ऊंचा पुतला नहीं जलाया जाएगा। पुतले का कद छोटा करके 125 फुट ऊंचा किया गया है। विश्व में सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाकर कीर्तिमान स्थापित करने व पांच बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बराड़ा को विश्व स्तर पर गौरव प्रदान करने वाले तेजिंदर सिंह चौहान के नेतृत्व में इस बार भी पुतले का निर्माण कुशल कारीगर कर रहे हैं। विश्व का सबसे ऊंचा 220 फुट का रावण का पुतला बनाकर अपना लोहा मनवा चुके तेजिंदर सिंह चौहान इस बार 125 फुट का पुतला बना कर दशहरा महोत्सव की परंपरा को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं।
समाजसेवी कर रहे पूरा सहयोग
इस बार कस्बे में दशहरा महोत्सव मनाए जाने का बीड़ा राष्ट्र जागरण मंच ने उठाया है। इसे समाज के प्रमुख सहयोगियों की मदद से संपूर्ण किया जाएगा। राष्ट्र जागरण मंच के संस्थापक अमरिंदर सिंह व अध्यक्ष विक्रम सिंह राणा ने बताया कि रावण का पुतला स्थानीय समाजसेवियों की मदद से बनाया जा रहा है। मंच के तत्वावधान में निर्मित साढ़े तीन टन वजनी और 125 फुट के इस पुतले को बनाने के नर्मिाण पर करीब 10 लाख का खर्च होने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पुतले को बनाने में राजेश सिंगला, अनमोल खेत्रपाल, प्रमोद जैन, हरजिंदर सिंह, वक्रिम राणा, पिंटू राणा, अमरिंदर सिंह, महेंद्र सिंह, रवद्रिं गर्ग, राजेंद्र आदि कस्बा वासियों के सहयोग किया है। 5 अक्टूबर दशहरे वाले दिन शाम लगभग 7:00 बजे इस पुतले को रजत मलिक द्वारा रिमोट का बटन दबाकर दहन किया जाएगा।
मंच के संस्थापक व प्रधान वक्रिम सिंह ने बताया कि विश्व के सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाने का गौरव दिलाने व भारत का नाम विश्वस्तर पर चमकाने के बावजूद भी यहां कोई स्थायी दशहरा मैदान नहीं है। जगह की कमी के कारण आयोजकों को दशहरा महोत्सव आयोजित करने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। बढ़ती मंहगाई और आर्थिक स्थिति की बदौलत इस बार रावण का कद घटाना एक मजबूरी है। फिर भी जैसे तैसे सनातनी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय लोगों के सहयोग से दशहरा महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि यहां दशहरा मैदान के लिए जगह दी जाए ताकि बुराई पर अच्छाई का प्रतीक यह पर्व प्रतिवर्ष नर्विघ्निता से मनाया जाए।
34 सालों से महोत्सव का हो रहा आयोजन
राणा ने बताया कि कस्बे में दशहरा का आयोजन 34 वर्षों से किया जा रहा है। सन 1987 में तेजिंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में श्री रामलीला क्लब की स्थापना की गई थी। पहली बार 20 फुट के रावण के पुतले का दहन करने से दशहरा महोत्सव की शुरुआत हुई थी । उसके बाद लगातार रावण के पुतले की लंबाई बढ़ती गई और जो जाकर अंत में 220 फुट तक पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें स्थायी तौर पर दशहरा ग्राउंड मिल जाए तो फिर रावण के पुतले की लंबाई 220 फुट पार हो सकती है। उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि कस्बे का नाम एक बार फिर पूरे विश्व में रोशन हो।
बराड़ा में तैयार किए जा रहे रावण के पुतले का दृश्य।
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