अमृत भारत स्टेशन के तहत नारनौल स्टेशन का रि-डवलपमेंट का कार्य प्रगति पर, दो फेज में चलेगा काम

अमृत भारत स्टेशन के तहत नारनौल स्टेशन का रि-डवलपमेंट का कार्य प्रगति पर, दो फेज में चलेगा काम
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यह स्टेशन दो फेज में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में इसका मुख्य द्वार समेत फ्रंट को विकसित किया जाएगा तथा यात्रियों की सुविधा के अनुरूप इसका सौंदर्यकरण बढ़ाया जाएगा। दूसरे फेज में इसके प्लेटफार्म एवं शेड को विकसित किया जाएगा।

नारनौल। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत नारनौल के रेलवे स्टेशन को आधुनिक तरीके से रि-डवलपमेंट करने का कार्य आजकल प्रगति पर है। जयपुर की जय बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पुनर्विकास का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह स्टेशन दो फेज में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में इसका मुख्य द्वार समेत फ्रंट को विकसित किया जाएगा तथा यात्रियों की सुविधा के अनुरूप इसका सौंदर्यकरण बढ़ाया जाएगा। दूसरे फेज में इसके प्लेटफार्म एवं शेड को विकसित किया जाएगा। फिलहाल यहां दो प्लेटफार्म बने हुए हैं और तीसरे की तैयारी है। इस स्टेशन के लिए केंद्र सरकार ने करीब 18 करोड़ रुपये मंजूर किए हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि गत छह अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी रेलवे को बड़ा तोहफा देते हुए देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के रि-डवलपमेंट की आधारशिला रखी थी और वर्चुअल माध्यम से इसका शुभारंभ किया था, जबकि नारनौल में सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह तथा प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव उद्घाटन समारोह में मुख्यातिथि थे। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इन रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है। अमृत भारत स्टेशन स्कीम में नारनौल का रेलवे स्टेशन भी शामिल है, जिसे 18 करोड़ की लागत से वर्ल्ड लेवल का आधुनिक स्टेशन बनाया जाना प्रस्तावित है और फिलहाल मास्टर प्लान के अनुसार उस पर काम चल रहा है। फिलहाल स्टेशन के फ्रंट का नया लुक देने का काम शुरू कर दिया गया है तथा पुराने ढांचे पर जेसीबी चलाकर जगह को प्लेन किया जा रहा है। इस कारण गेट के फ्रंट में बने पार्क का कुछ हिस्सा भी आ गया है, जिस कारण उसकी चारदीवारी तोड़ दी गई है।

यह होंगी कई सारी सुविधाएं

यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण व सौंदर्यीकरण किया जाना है। इस योजना के तहत यात्रियों की स्टेशन तक पहुंच, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, लिफ्ट, एस्केलेटर, मुफ्त वाईफाई, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं। इनकी डिजाइन किसी मॉल या एयरपोर्ट की तरह होगी। डिजाइन में लोकल कल्चर, विरासत और वास्तुकला का ध्यान रखा जाएगा। यानी रेलवे स्टेशनों की डिजाइन शहर की सांस्कृतिक थीम पर होगी।

सिटी सेंटर्स की तरह डवलप होंगे स्टेशन

रेलवे स्टेशनों को रि-डवलप करने के पीछे सरकार का उद्देश्य शहरों को विकास के पथ पर आगे ले जाना है। इसलिए इन रेलवे स्टेशनों को सिटी सेंटर्स के रूप में रि-डवलप किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे रेलवे स्टेशनों ही नहीं, बल्कि पूरे शहर को विकास की एक दिशा मिलेगी।

नारनौल में खर्च होंगे 18 करोड़

गौर हो कि नारनौल का रेलवे स्टेशन करीब 150 साल पुराना है। यह स्टेशन उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल के अधीन आता है और रेवाड़ी-रींगस के मध्य पड़ता है। छोटे एवं लंबे रूट की लगभग सभी गाडि़यों का यहां ठहराव होता है। अब इस स्टेशन पर 18 करोड़ रुपये खर्च करके इसे आधुनिक एवं विश्व स्तर का बनाया जाएगा। इससे रेल यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।

आधुनिक स्टेशन की यह होंगी प्रमुख विशेषताएं

  • लेंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास।
  • अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार।
  • टू व्हीलर, फोर व्हीलर और ऑटो रिक्शा के लिए अलग-अलग पार्किंग सुविधा।
  • यात्री क्षमता के अनुसार पर्या क्षेत्र में प्रवेश हॉल का निर्माण।
  • प्लेटफार्म पर कोच की सही स्थिति जानने के लिए कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान।
  • उन्नत व बेहतर वेटिंग रूम की सुविधा।
  • स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक व बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा।
  • नए प्टेलफार्म शेल्टर का प्रावधान।
  • दिव्यांगजन की सुविधा हेतु टॉयलेट्स और वाटरबूथ की सुविधा।
  • बेहतर साइनेज की सुविधा।
  • होर्डिंग्स एवं स्मारकीय झंडे का प्रावधान।
  • स्टेशन पर उन्नत व बेहतर फर्नीचर की व्यवस्था।
  • एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवरब्रिज।

यह कहते हैं अधिकारी

जयपुर मंडल के निर्माण निरीक्षक गोरेलाल साह की देखरेख में रि-डवलपमेंट का काम चल रहा है। साह ने बताया कि रेलवे स्टेशन को दो फेज में विकसित किया जाएगा। पहले फेज का काम शुरू कर दिया गया है। यह फेज पूरा होने के बाद दूसरा फेज शुरू किया जाएगा। जब दोनों फेज पूरे हो जाएंगे, तब यह स्टेशन नए एवं आधुनिक स्वरूप में नजर आएगा तथा यहां महानगरीय स्टेशनों की भांति उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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