महेंद्रगढ़ : सर्दी में भी हो रहा गर्मी का अहसास, अधिकतम तापमान 30 डिग्री पार

महेंद्रगढ़ : सर्दी में भी हो रहा गर्मी का अहसास, अधिकतम तापमान 30 डिग्री पार
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दिसंबर माह में लोगों को गर्मियों जैसा अहसास होने लग गया है। लोगों का कहना है कि ऐसा मौसम तो सर्दियों के बाद यानी फरवरी के अंत में या मार्च माह में होता है, मगर इस बार इस प्रकार का तापमान दिसंबर माह में ही हो रहा है।

देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़

इस बार दिसंबर माह में गर्मी का अहसास हो रहा है। तीन-चार दिन से सूर्य देव की चमक भी बहुत तेज है। जिसके कारण अधिकतम तापमान ने छलांग लगा दी है। यह 30 पार होते हुए शनिवार को 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जबकि न्यूनतम तापमान भी शनिवार को 9.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

वहीं नवंबर माह में 29 नवंबर को नारनौल का तापमान मैदानी इलाकों में सबसे कम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मगर दिसंबर माह में यह रोजाना बढ़ रहा है। तापमान में हुई इस बढ़ोतरी के कारण किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि गेहूं व सरसों की फसल के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस ही तापमान होना चाहिए, जबकि इस समय तापमान 30 पार हो गया है। वहीं रविवार को न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसे में फसल खराब होने का डर बना हुआ है।

इस बार सर्दियों की शुरूआत अक्टूबर माह से ही हो गई थी। अक्टूबर माह से सर्दियों की शुरूआत होने के साथ ही यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार जबरदस्त ठंड पड़ेगी। मौसम विशेषज्ञ भी यह अनुमान लगाने लग गए थे कि इस बार दिसंबर, जनवरी व फरवरी माह में जबरदस्त ठंड पड़ेगी।

नवंबर माह के अंत तक भी क्षेत्र में ठंडक रही थी। नारनौल में 29 नवंबर को न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। ऐसे में लोग भी सर्दियां ज्यादा पड़ने का अनुमान लगाने लग गए थे, मगर तीन दिन से सूर्य देव की चमक काफी तेज हो गई है। सूर्य देव की चमक तेज होने के कारण दिन का तापमान लगातार बढ़ रहा है। दिन के तापमान के साथ ही रात के तापमान में भी बढ़त देखी जा रही है। तीन दिन से लगातार दिन व रात के तापमान में वृद्धि देखी गई। जिसके कारण दिसंबर माह में लोगों को गर्मियों जैसा अहसास होने लग गया है। लोगों का कहना है कि ऐसा मौसम तो सर्दियों के बाद यानी फरवरी के अंत में या मार्च माह में होता है, मगर इस बार इस प्रकार का तापमान दिसंबर माह में ही हो रहा है। लोगों का कहना है कि लोगों ने नवंबर माह में ही गर्म कपड़े निकाल लिए थे, मगर शनिवार रात को तो कंबल से ही काम चलाना पड़ गया था, जबकि नवंबर माह में रिजाई औढ़नी पड़ गई थी।

-फसलों के लिए खराब है ज्यादा तापमान

रबी की फसलों के लिए कम ही तापमान की आवश्यकता होती है। गेहूं व सरसों की फसल कम तापमान में ही उगती हैं तथा बढ़ती हैं। ज्यादा तापमान होने पर फसलें खराब होने लग जाती है। मगर इस बार तो तापमान 31 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा हुआ है। जिसके कारण इन फसलों के खराब होने का डर बना हुआ है, जबकि ये फसल ही किसानों की मुख्य फसलें हैं। इसलिए बढ़ते तापमान के कारण किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें भी दिखाई दे रही हैं।

-सुबह दिखे कुछ बादल, मगर बाद में हुए गायब

रविवार सुबह के समय कुछ बादल बेशक दिखाई दिए, मगर थोड़ी देर बाद वे गायब हो गए। किसानों का कहना है कि इस समय बारिश की बहुत जरूरत है। अगर बरसात नहीं होगी तो गेहूं व सरसों की फसल खराब हो जाएगी। इसलिए मौसम में ठंडक आना अब बहुत ही जरूरी है।

सर्दियों पर डिपेंड बाजार

किसान ही नहीं बाजार में व्यापारी ही अच्छी सर्दियों पर ही डिपेंड हैं। बाजार में सर्दियों के कपड़ों, हिटर व जूतों की मांग बढ़ गई थी। मगर अब सर्दी कम होने के कारण फिर से वह मांग कम हो गई।

ऐसे बढ़ रहा तापमान

दिन अधिकतम न्यूनतम

01 दिसंबर 29.0 6.6

02 दिसंबर 29.5 7.0

03 दिसंबर 30.0 7.0

04 दिसंबर 31.5 7.0

05 दिसंबर 31.6 9.2

06 दिसंबर . 10.6

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